सावधान! मार्केट में बड़ी संख्या में बिक रही हैं फेक Remdesivir, ऐसे करें असली-नकली की पहचान
नई दिल्ली: देश भर में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने कहर मचाया है। ऐसे में गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए डॉक्टर्स रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण मामले बढ़ने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारामारी का दौर शुरू हो गया है। इस समय ऑक्सीजन के बाद अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा मांग है तो वो रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) है। वहीं, इस बीच इसकी कालाबाजारी की खबरें भी आ रही हैं। कुछ लोग जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर नकली रेमेडिसविर बेच रहे हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन के असली या नकली होने की पहचान की जाए।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी और आईपीएस अधिकारी मोनिका भारद्वाज ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि रेमडेसिविर की नकली और असली शीशी की पहचान कैसे की जाए। उन्होंने नकली पैकेट पर मौजूद कुछ गलतियों की तरफ इशारा किया है, जो इसे असली पैकेट से अलग करने में मदद कर सकते हैं।
कोरोना महामार के इस दौर में कुछ लोग जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर नकली रेमेडिसविर बेच रहे हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन के असली या नकली होने की पहचान की जाए।
सावधान! मार्केट में बड़ी संख्या में बिक रही है फेक Remdesivir, ऐसे करें असली-नकली की पहचान
नई दिल्ली: देश भर में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने कहर मचाया है। ऐसे में गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए डॉक्टर्स रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण मामले बढ़ने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारामारी का दौर शुरू हो गया है। इस समय ऑक्सीजन के बाद अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा मांग है तो वो रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) है। वहीं, इस बीच इसकी कालाबाजारी की खबरें भी आ रही हैं। कुछ लोग जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर नकली रेमेडिसविर बेच रहे हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन के असली या नकली होने की पहचान की जाए।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी और आईपीएस अधिकारी मोनिका भारद्वाज ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि रेमडेसिविर की नकली और असली शीशी की पहचान कैसे की जाए। उन्होंने नकली पैकेट पर मौजूद कुछ गलतियों की तरफ इशारा किया है, जो इसे असली पैकेट से अलग करने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे करें असली–नकली की पहचान
– नकली रेमडेसिविर के पैकेट पर इंजेक्शन के नाम से ठीक पहले Rx नहीं लिखा हुआ है।
– असली रेमडेसिविर पर 100 mg/Vial लिखा हुआ है, जबकि नकली पैकेट पर 100 mg/vial लिखा हुआ है यानी केवल Capital V का अंतर है।
– असली पैकेट पर For use in लिखा हुआ है जबकि नकली पैकेट पर for use in लिखा हुआ है यानी दोनों में सिर्फ Capital F का अंतर है।
– असली पैकेट के पीछे चेतावनी लेबल (Warning Label) लाल रंग में है, जबकि नकली पैकेट पर Warning लेबल काले रंग में है।
– नकली रेमडेसिविर के पैकेट पर Warning लेबल के ठीक नीचे मुख्य सूचना Covifir (ब्रांड नाम) is manufactured under the license from Gilead Sciences, Inc नहीं लिखी हुई है।
– फर्जी रेमडेसिविर वाले पैकेट पर पूरे पते (Address) में स्पेलिंग की गलतियां हैं। जैसे नकली पैकेट पर Telangana की जगह Telagana लिखा हुआ है।
बता दें कि कोरोना के इलाज में शामिल रेमडेसिविर इन दिनों कई राज्यों में तय कीमत से हजार गुना ज्यादा तक की कीमत पर बिक रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से नकली रेमडेसिविर की शिकायतें भी आ रही हैं। कल ही उत्तराखंड के कोटद्वारा से दिल्ली पुलिस ने 5 लोगों को नकली रेमडेसिविर बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया है। इसलिए ऐसे में अगर इसकी सही से पहचान नहीं की गई तो नकली रेमडिसिविर जानलेवा साबित हो सकता है.