11 April, 2025 (Friday)

प्रसार निदेशालय की कुलपति ने की गहन समीक्षा। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की के-1317 प्रजाति, अधिक उत्पादन देने वाली:डॉ. सिंह

कानपुर।सीएसए के कुलपति डॉ. डी.आर.सिंह की अध्यक्षता में प्रसार निदेशालय एवं 13 कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों का गहनता से अनुश्रवण किया गया। बैठक में निदेशक प्रसार/ समन्वयक डॉ. ए के सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति का स्वागत करते हुए प्रसार निदेशालय व कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर पर निदेशक प्रसार ने बताया कि वर्ष 2020-21 में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की के-1317 प्रजाति जो अधिक उत्पादन देने वाली है। सभी जनपदों में कृषकों के क्षेत्रों पर प्रदर्शन कराए गए हैं, जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त शासन की मंशा के अनुरूप दलहन और तिलहन का क्षेत्रफल बढ़ाने के उद्देश्य नई प्रजातियों का प्रदर्शन भी कराए गए हैं, जिससे किसान दलहन और तिलहन फसलों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं जिससे कि किसान आत्मनिर्भर हो सकें साथ ही गृह वैज्ञानिकों द्वारा महिलाओं को स्वावलंबन बनाने के लिए मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। जिससे वे स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकें और आत्मनिर्भर बने । निदेशक प्रसार ने बताया कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी प्रसारित की जा रही है। जिससे किसान मौसम के अनुसार  खेती-बाड़ी का कार्य कर सकें । मौसम की क्षण-प्रतिक्षण  की जानकारी हेतु केवी के वेदर मोबाइल व्हाट्सएप द्वारा किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।उन्होंने प्रगति आख्या प्रस्तुत करते समय बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संस्तुति कार्य योजना के अनुसार वैज्ञानिक अपने विषयों से संबंधित किसानों तक नवीनतम कृषि तकनीकी पहुंचा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों में न्यूट्री सीरियल (सुपर फूड) व चारे फसलों तथा उसर भूमि एवं जैविक खेती पर विभिन्न प्रसार कार्यक्रम संचालित किए गए हैं। उन्होंने वर्ष 2021-22 के कार्य योजना को प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के  कार्य क्षेत्र के सभी कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य किसानों की बात किसानों से कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रसार निदेशालय के प्रसार कार्य एवं अन्य गतिविधियों को सराहा तथा साथ ही निर्देशित किया है की सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर यह पाली हाउस, वर्मी कंपोस्ट,मधुमक्खी इत्यादि की इकाइयां लगी हों। जिससे किसान लाभान्वित हो सके।इसके अतिरिक्त कुलपति ने सुझाव दिया कि लोकल फ़ॉर वोकल पर विशेष ध्यान दिया जाए उसे संरक्षित किया जाए।अंत में बीज एवं प्रक्षेत्र निदेशालय की भी समीक्षा की गई। इस अवसर पर डॉ. धनंजय सिंह, डॉ. पीके राठी, डॉ अनिल सचान, डॉ आरए यादव, डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. यसबी पाल, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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