24 November, 2024 (Sunday)

दिल्ली नर्सरी एडमिशन प्रक्रिया रद्द करने की तैयारी, विरोध में स्कूल

कोरोना से बचाव के तहत स्कूलों में बंदी जारी है। मौजूदा हालात में बच्चों के लिए कोरोना का टीका ना बनने के चलते स्कूलों की बंदी लंबे समय तक जारी रहने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। जिसको देखते हुए दिल्ली सरकार निजी स्कूलों की नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को एक साल के लिए रद्द करने की योजना पर विचार कर रही है। इस तैयारी के सार्वजनिक होते हुए स्कूलों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।

राजधानी दिल्ली में 1700 से अधिक निजी स्कूल संचालित होते हैं। इन स्कूलों की नर्सरी कक्षाओं की सीटों में दाखिला के लिए दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय प्रत्येक वर्ष नवंबर में दिशा-निर्देश जारी करता है। जिसके आधार पर दिसंबर से स्कूल आवेदन आमंत्रित करते हैं और मार्च तक स्कूल बच्चों को दाखिला देते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक निदेशालय ने दाखिला को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हुए हैं। ऐसे में पूरी दाखिला प्रक्रिया अभी अधर में फंसी हुई है।

बच्चों को पूरे एक साल ऑनलाइन पढ़ना संभव नहीं     
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोरोना की वजह से स्कूल नौ महीने से बंद हैं। जो टीका उपलब्ध होने तक बंद ही रहेंगे। ऐसे में छोटे बच्चों  को पूरे एक साल ऑनलाइन पढ़ाना अनुचित लगता है। अधिकारी के मुताबिक सरकार ने फैसला किया है कि जब तक टीके उपलब्ध नहीं होंगे तब तक दिल्ली में फिर से स्कूल नहीं खुलेंगे। ऐसे में छोटे बच्चों को एक साल के लिए ऑनलाइन दाखिला देना असंभव है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसी कोई भी फैसला लिया जाएगा तो उस योजना को स्कूलों से परामर्श के बाद ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

फैसले से बाधित हुई शिक्षा व्यवस्था ठप पड़ जाएगी
नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को पूरे एक सत्र के लिए रद्द करने की योजना व विचार का निजी स्कूलों के संगठन स्कूल एक्शन कमेटी ने विरोध किया है। कमेटी के अध्यक्ष एसके भट्टाचार्य के मुताबिक इस सबंध में हम आधिकारिक फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन तैयारी संबंधी जो भी जानकारी विभिन्न् माध्यमों से हम तक पहुंच रही है, उसे सरकार को अपरिपक्व फैसला ही कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से कोरोना की वजह से एक साल से बाधित शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी। सरकार इस फैसले के माध्यम से तो प्री प्राइमरी के बच्चोें को स्कूल आने से रोक सकती हैं, लेकिन जब भी स्कूल खुलेगा, तब बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा की चिंता हैं, उम्मीद है कि सरकार स्कूलों व अभिभावकों से विमर्श के बाद ही इस संबंध में कोई अंतिम फैसला लेगी।

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