15 May, 2024 (Wednesday)

बचपन में किडनैप हुई, वेश्यवृत्ति से लेकर झाडू-पोंछा तक किया:4 बार जेल गई, 50 साल बाद फेसबुक ने मां-बाप से मिलाया

फेसबुक ने 50 साल बाद टेक्सास की एक महिला को अपने माता-पिता, बहनों और उनके बच्चों से मिलवाया है। ये महिला करीब 2 साल की उम्र में किडनैप हो गई थी और इसे किडनैप करने वाली इसकी बेबीसिटर थी। इतने साल बाद मिलने की इस कहानी पर लोगों को यकीन नहीं हो पा रहा है।

मेलिना वाल्डेन नाम की महिला की जिंदगी किडनैप होने के बाद पूरी तरह से बदल गई। उन्हें अपना गुजारा करने के लिए हर तरह का काम करना पड़ा। 53 साल की उम्र में वह आज लोगों के घर जाकर और चर्च में झाड़ू-पोछा करती हैं। उनकी पढ़ाई भी काफी मुश्किल हालात में हुई। 53 साल की जिंदगी में उन्हें 4 बार वेश्यावृत्ति के लिए जेल भी जाना पड़ा। इस दौरान कई शादियों के बाद उनके तीन बच्चे भी हुए लेकिन उनकी हालत ऐसी नहीं थी कि वो उनकी अच्छी परवरिश कर पातीं। इसलिए वो इन बच्चों को किसी को पालने के लिए देना चाहती थीं।

मिसिंग पोस्टर में बर्थमार्क देख अपनी कहानी पर यकीन हुआ

मेलिना का असली नाम मेलिसा हाईस्मिथ है। उनके अपने परिवार तक पहुंचने की कहानी में सबसे अहम चीज बनी उनकी पीठ का निशान। असल में मेलिना उर्फ मेलिसा जबसे अपनी बेबीसिटर के हाथों किडनैप हो गई थीं तभी से उनका परिवार उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए परिवार ने एक फेसबुक पेज बनाया था। इसमें उनकी बचपन की फोटो अपलोड की गई थीं। इसमें इस बात का भी जिक्र था कि उनकी पीठ पर एक बर्थमार्क है। यही बर्थमार्क 50 साल से बिछड़े परिवार को मिलाने की वजह बना।

फेसबुक पर मैसेज आया तो लगा कोई मजाक कर रहा

नवंबर 2022 की शुरुआत में मेलिना को फेसबुक पर एक मैसेज आया था कि उनकी बहनें और पापा उनसे बात करना चाहते हैं। पहले तो मेलिना को लगा कि कोई उनसे मजाक कर रहा है। मेलिना को मैसेज करने वाली शेरोन हाईस्मिथ और रेबेका डेल बोस्क नाम की दो महिलाएं थीं। इन्होंने कहा कि वे उनकी बहनें हैं। उन्हें एक और मैसेज मिला, जो कि जेफ्री हाईस्मिथ नाम के शख्स ने किया था। जेफ्री ने खुद को मेलिना का पिता बताया था।दोनों ही मैसेज में जोर देकर कहा गया था कि साल 1971 में जब वह करीब 2 साल की थीं तो उन्हें किडनैप कर लिया गया था। फैमिली ने दावा किया कि उनके पास सबूत के तौर पर मेलिना और फैमिली की डीएनए रिपोर्ट है, जो आपस में मैच करती है।

उन्होंने मेलिना को बताया कि उनका असली नाम मेलिसा हाईस्मिथ है।

बेबीसिटर जो बच्ची लेकर कभी लौटी ही नहीं

पूरी कहानी कुछ ऐसी है; 22 साल की मिस अल्टा अपेंटेंको, जो एक वेट्रेस का काम करती थीं, उन्हें अपनी 21 महीने की बेटी की देखभाल के लिए किसी की ज़रूरत थी। बेटी की देखभाल के लिए अपेंटेंको ने न्यूजपेपर में बेबीसिटर का एड दिया। रूथ जॉनसन नाम की एक महिला ने उस जॉब के लिए दिलचस्पी दिखाई और कहा कि वो इस जॉब के लिए परपेक्ट हैं। अपेंटेंको उसकी बात से सहमत हो गईं। हालांकि वो उससे मिली भी नहीं थी। मेलिसा को उनकी रूममेट ने बेबीसिटर को दे दिया। बच्ची मिलने के बाद रूथ कभी लौटी ही नहीं, जिसके बाद अपेंटेंको ने पुलिस को फोन किया लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।

पोते से डीएनए मैच हुआ तो मेलिना के मिलने की उम्मीद बढ़ी

मेलिना को ढूंढने के लिए दशकों तक जांच चलती रही। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था। 6 नवंबर को हाईस्मिथ फैमिली को एक डीएनए मैच के बारे में बताया गया। मेलिना के पिता जेफ्री हाईस्मिथ को बताया गया कि उनका एक पोता है, जिसके बारे में वह नहीं जानते। और वह बच्चा मेलिना के तीन बच्चों में से एक था। इस डीएनए मैचिंग का पता नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन ने लगाया था।

मेलिना को लगा उनके साथ धोखाधड़ी होने वाला है

अपने एक इंटरव्यू में मेलिना की बहन शेरोन हाईस्मिथ बताती हैं कि मेलिना को पहले लगा कि कोई उनके साथ धोखाधड़ी करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन फिर उन्होंने हाईस्मिथ परिवार के बारे में लिखे आर्टिकल को पढ़ना शुरू किया। बच्ची के लिए तैयार मिसिंग पोस्टर में लड़की की पीठ पर एक बर्थमार्क का जिक्र था। मेलिना की पीठ पर ठीक वैसा ही मार्क था। मेलिना को ढूंढने के लिए उनके परिवार ने जो फेसबुक पेज बनाया था, उसमें डाली गई बच्ची की तस्वीरों को मेलिना के पति ने ध्यान से देखा। तब जाकर मेलिना के परिवार को यकीन हुआ कि परिवार से बिछड़ने वाली बात सच है।

मेलिना ने पूछा- मेरी मां कौन है?

जब मेलिना को लगा कि यह उनकी कहानी है तो उन्होंने अपनी असली पहचान जानने के लिए उस महिला से सवाल किए जिसे वह अपनी मां समझती थी। मेलिना को पालने वाली मां ने बताया उसने 1972 में उसे 40 हजार रुपए (500 डॉलर) देकर लिया था। हालांकि यह बात साफ नहीं है कि बेबी मेलिसा को किसने किडनैप किया था या फिर वह इस महिला तक कैसे पहुंची जिसे वह अपनी मां समझती थी।

सच सामने आने के बाद बदला अपना नाममेलिना ने एक इंटरव्यू में कहा कि सारा सच सामने आने के बाद यह मेरे लिए बेहद भावुक पल था। मेरे दिमाग में सबसे पहले यह फीलिंग आई कि- ‘आखिरकार मेरे पास एक मां और एक पिता हैं जो मुझे चाहते हैं। और वे मुझसे प्यार करते हैं। अब मेरे पास भी ऐसे लोग हैं, जो मुझे प्यार करते हैं। मेरा मन उनसे मिलने के लिए मचल उठा।’ मेलिना ने यह भी बताया कि अब वह अपना नाम बदलकर वापस मेलिसा हाईस्मिथ रख लेंगी।

फिलहाल उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर अपना नाम अपडेट कर लिया है।

बुरा बीता बचपन, वेश्यावृति के आरोप में जेल तक गई

मेलिना का बचपन आसान नहीं रहा। 15 साल की उम्र में वह अपने नए परिवार से भाग गई थी। 1990 में जब वह 20 साल की थी उनकी शादी हो गई। उस वक्त वह मेलानी गेगे के रूप में जानी जाती थीं। टेक्सास क्राइम ब्यूरो के अनुसार, मेलिना को वेश्यावृति के आरोप में कम से कम चार बार गिरफ्तार किया गया था। मेलिना कहती हैं, ‘मैंने सड़कों पर काम किया। इसी दौरान मैंने तीन बच्चों को जन्म दिया। तीनों बच्चे एडॉप्शन के लिए रखे गए थे।’ हालांकि बाद में मेलिना ने अपनी लाइफ को चेंज किया। वो धार्मिक बन गईं और पार्ट टाइम जॉब और चर्च में सफाई का काम करने लगीं।

बिछड़े मां-बेटे को 20 साल बाद फेसबुक ने मिलाया

छह महीने पहले अमेरिका के एक मां-बेटे की कहानी खूब वायरल हुई। मां ने अपने बेटे को 20 साल बाद ढूंढ निकाला, वो भी सोशल मीडिया की मदद से। मां-बेटे की इस इमोशनल कहानी को बेटे ने ही अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था।

दरअसल, होली शियर्र जब 15 साल की थीं, जब उन्होंने बेंजामिन को जन्म दिया। शियर्र को लगता था कि वो अपने बच्चे को एक अच्छी लाइफ नहीं दे सकती हैं। उन्होंने एंजेला और ब्रायन हुलबर्ग नाम के एक कपल को साल 2001 में बेंजामिन को गोद दे दिया लिया। कपल ने बेंजामिन को शुरू से ही एडॉप्शन के बारे में बताकर रखा था।

बेंजामिन और शियर्र दोनों एक-दूसरे की तलाश करते रहे। बेंजामिन ने अपनी मां को ढूंढने के लिए DNA टेस्ट तक कराया। फिर, 2021 के नवंबर में फेसबुक पर आए एक मैसेज ने उसकी सारी समस्याओं को दूर कर दिया।

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