कोवैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए आकुजेन ने किया आवेदन
कोरोना टीके कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक की अमेरिकी साझेदार कंपनी आकुजेन ने बुधवार को कहा कि उसने क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को इंवेस्टिगेशनल न्यू ड्रग एप्लीकेशन (आइएनडी) दिया है। गौरतलब है कि यह बयान आने के एक दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन को कोरोना टीके की ‘आपात उपयोग सूची’ में डालने के लिए भारत बायोटेक से और जानकारी मांगी है।
अमेरिकी फर्म द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आइएनडी में प्रस्तावित तीसरे चरण का परीक्षण यह स्थापित करने के लिए है कि भारत में किए गए तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान टीका लगवाने वालों में विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता भौगोलिक स्थित बदलने पर (यानि अमेरिका के वयस्कों में) समान रहती है या नहीं।अमेरिका के औषधि नियामक ने जून में आकुजेन को ‘सलाह’ दी थी कि वह आपात उपयोग मंजूरी (ईयूए) का रास्ता अपनाने के स्थान पर अतिरिक्त आंकड़ों/जानकारी के साथ बायोलाजिक्स लाइसेंस एप्लीकेशन (बीएलए) का रास्ता अपनाए।
यह प्रस्तावित परीक्षण ऐसे लोगों पर किया जा सकता है जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है या फिर उसने अमेरिका में कम से कम छह महीने एमआरएनए टीके की दो डोज लगवाई हैं।
भारत बायोटेक से जल्द स्पष्टीकरण मिलने की संभावना : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि उसे इस सप्ताह के अंत तक भारत बायोटेक से कोरोना के टीके कोवैक्सीन पर स्पष्टीकरण मिलने की उम्मीद है और इसके आपातकालीन उपयोग सूची के लिए अंतिम जोखिम-लाभ मूल्यांकन को लेकर तीन नवंबर को बैठक होगी।
डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर बताया कि टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप फार इमरजेंसी यूज लिस्टिंग एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को इस बात की सिफारिश करता है कि क्या कोई कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए सूचीबद्ध की जा सकता है या नहीं। तकनीकी सलाहकार समूह ने 26 अक्टूबर को बैठक कर निर्णय लिया कि कोवैक्सिन वैक्सीन के वैश्विक उपयोग के लिए अंतिम ईयूएल के लिए निर्माता (भारत बायोटेक) से अतिरिक्त स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।