UP में सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य अब लेंगे मरीजों की सेहत का हाल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अहम कदम बढ़ाया है। सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का फीड बैक अब जिलास्तर पर जुटाया जाएगा। इसके लिए ‘स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का’ अभियान का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी सूबे के सभी सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्रधानचार्य को सौंपी गई है।उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां अधिकारी मरीजों से सीधे संवाद करेंगे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की पहल पर 22 जून को ‘स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का’ अभियान शुरू किया गया था। उप मुख्यमंत्री रोज पांच जिलों के अस्पतालों में इलाज करा रहे 10 मरीज व तीमारदारों से फोन पर बातचीत कर रहे हैं। इलाज संबंधी फीडबैक ले रहे हैं। अब तक 360 से अधिक मरीजों से उप मुख्यमंत्री संवाद कर चुके हैं।
सीएमओ व प्रधानाचार्य रोज मरीजों से करें संवाद
अभियान को रफ्तार देने के लिए उप मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सीएमओ को निर्देशित कर चुके हैं। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा व स्वस्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी उन्होंने निर्देशित किया है। शासन की तरफ से सभी सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे 10 मरीजों से सीएमओ रोज फोन पर बात करेंगे। इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी 10 मरीजों से रोज संवाद करना होगा।
मरीज की शिकायतों पर कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अधिकारी मरीज व तीमारदारों की शिकायतों का तुरंत संज्ञान लें। जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें। व्यवस्था में सुधार लाएं। अभियान की निगरानी के लिए मरीज या तीमारदारों से बातचीत संबंधी रिपोर्ट चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महानिदेशालय और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को रोज देनी होगी। ताकि मुख्यालय स्तर से निगरानी कर रिपोर्ट तैयार की जा सके।
क्या कहते हैं उप मुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है, ‘‘केंद्र व राज्य सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं जन-जन तक पहुंचें। यह हमारी सरकार का लक्ष्य ही नहीं संकल्प भी है। इसी मकसद से ’स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का’ अभियान शुरू किया है। अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। जनता के जुड़ाव, उनकी उम्मीदों के साथ ही चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए अभियान को वृहद रूप देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कई जन प्रतिनिधियों ने भी मरीज और स्वास्थ्य विभाग के बीच इस दोतरफा संवाद को विस्तृत करने का सुक्षाव दिए हैं। सीएमओ और प्रधानचार्य के मरीजों से जुड़ने से स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर होंगी।’’