चीन की रणनीति से मुकाबले को अमेरिकी संसद में बिल पेश, विधेयक में बीजिंग पर नजर रखने की भी है बात
चीन की दादागीरी वाली रणनीति से मुकाबले के लिए अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन में एक बिल पेश किया गया है। इसमें चीन की सेंसरशिप और डराने-धमकाने वाली रणनीतियों के प्रभाव से निपटने के साथ ही उस पर नजर रखने की भी बात है। यह विधेयक डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों ने मिलकर पेश किया है।
सीनेट में बुधवार को पेश किए गए इस बिल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से एक चीन सेंसरशिप निगरानी और कार्य समूह स्थापित करने को कहा गया है। इस समूह से अमेरिकियों और देश की कंपनियों पर चीन की सेंसरशिप के प्रभावों को बेहतर तरीके से समझने और उनसे निपटने की रणनीति के क्रियान्वयन में मदद मिल सकती है और इस दिशा में हुई प्रगति पर नजर भी रखी जा सकती है। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य जेफ मार्केल के अलावा सांसदों मार्को रुबियो, एलिजाबेथ वारेन और जॉन कार्निन ने यह बिल पेश किया है।
चीनी दुष्प्रचार के खिलाफ भी लाया गया विधेयक
अमेरिका की संसद में बुधवार को चीनी दुष्प्रचार से निपटने के लिए भी एक बिल लाया गया। यह विधेयक रिपब्लिकन स्टडी कमेटी के चेयरमैन जिम बैंक और सीनेटर टॉम कॉटन ने पेश किया। इसमें सरकार समर्थित दुष्प्रचार नेटवर्क के खिलाफ एक नए प्रतिबंध प्राधिकरण के गठन की पैरवी की गई है।
प्रतिस्पर्धा से चीन को बाहर करना अमेरिका का लक्ष्य : बर्न्स
सीआइए प्रमुख के लिए नामित पूर्व राजनयिक विलियन बर्न्स ने सांसदों से कहा कि प्रतिस्पर्धा से चीन को बाहर करना अमेरिका का लक्ष्य है। ऐसा करना आने वाले कई दशकों तक देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बर्न्स को सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआइए) के निदेशक पद के लिए नामित किया है।