कैपिटल हिल हिंसा के कारण ट्विटर अकाउंट के स्थायी रूप से सस्पेंड होने पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, बोले- चुप नहीं रहूंगा…!
अमेरिकी संसद कैपिटल हिल परिसर में हुई हिंसा के बाद माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का निजी अकाउंट पहले 12 घंटे फिर 15 दिन और अब स्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। ट्विटर को अंदेशा है कि ट्रंप फिर कोई ऐसा ट्वीट कर सकते हैं, जिससे कैपिटल हिल में हुई हिंसा जैसे हालात बन सकते हैं। निजी अकाउंट सस्पेंड होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट @POTUS से एक ट्वीट किया। लेकिन इस ट्वीट को भी ट्विटर ने कुछ ही मिनटों में हटा दिया है। बताया जा रहा है कि आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में ट्रंप ने माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट की आलोचना की थी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह चुप रहने वाले नहीं हैं।
बता दें कि ट्विटर ही नहीं, अमेरिका में कैपिटल हिल परिसर में हुई हिंसा के बाद डोनाल्ड ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर भी अनिश्चित काल तक के लिए बैन लगा दिया गया है। हालांकि, अब ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को हिंसा के और भड़काने के जोखिम की आशंका के चलते स्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को भी स्थायी रूप से सस्पेंड किया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप अब अपना ट्विटर अकाउंट नहीं खोल पाएंगे। कंपनी ट्रंप के ट्वीट और प्रोफाइल को इस प्लेफॉर्म से हटा दिया गया है। अब उनका कोई भी ट्वीट यहां नहीं देखा जा सकेगा। ट्विटर पर डोनाल्ड ट्रंप के लगभग 88.7 मिलियन फॉलोअर्स थे।
ट्विटर ने एक ट्वीट कर डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को स्थायी रूप से सस्पेंड करने की सूचना दी। कंपनी ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप के हालिया ट्वीट और उनके संदर्भों की समीक्षा करने के बाद हमने उनके अकाउंट को हिंसा के और भड़काने के जोखिम की आशंका के चलते स्थायी रूप से सस्पेंड करने का निर्णय लिया है। हमने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नियमों के उल्लंघन पर इस तरह की कार्रवाई की जा सकती है। हम अपनी नीतियों और उन्हें लागू करने के लिए पारदर्शी बने रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी संसद कैपिटल हिल परिसर में ट्रंप समर्थकों ने पिछले दिनों जमकर हंगामा किया था। ट्रंप समर्थकों ने सीनेट में घुसकर कब्जा करने की कोशिश की। पूरे हंगामे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। इस हिंसा को भड़काने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग उठ रही है।