05 December, 2024 (Thursday)

गन्ने का भुगतान कराने हेतु भाकियू (अ) के जिलाध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन चीनी मिल प्रबन्धन द्वारा किसानों का किया जा रहा आर्थिक शोषण

कुशीनगर । बताते चले 2017 में भारतीय किसान यूनियन (अ) द्वारा एक ज्ञापन सूबे के मुख्यमन्त्री के नाम से दिया गया था जिसमें माँग किया गया था कि किसानों के गन्ने का भुगतान 07 दिनों में उनके खाते में क्रेडिट करने का आदेश पारित किया जाय जिसे स्वीकार कर दो-तीन-दिन के अन्दर ही आपकी सरकार ने यह घोषणा किया कि, पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में उनके खाते में क्रेडिट किया जाय। परन्तु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि उत्तर प्रदेश में आपके नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनी है लेकिन आदेश के उपरान्त भी मिल प्रबन्धन किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में उनके खाते में क्रेडिट नही कर रहा है और बिफलता का दाग आपकी सरकार पर लग रहा है। उत्तर प्रदेश का किसान आपके ऊपर पूर्ण विश्वास करके अपना बहुमूल्य वोट देकर आपको दोबारा मुख्यमन्त्री बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया है और यदि उसके बाद भी किसानों को उनके गन्ने का भुगतान अविलम्ब नही होता है एवं उन्हें किसी प्रकार की परेशानी होती है तो उसका जिम्मेदारी स्वतः आपकी हो जाती है।
आज दिनाँक 31 मार्च 2022 को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह सूबे के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित एक ज्ञापन कल्पना जैसवाल उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज को सौपते हुए अवगत कराया है कि जनपद कुशीनगर के कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2020- 21 और दो सत्र का डीफर करोड़ो रूपये बकाया है उसके अलावा पेराई सत्र 2021-22 का 5151.25 लाख का भुगतान अभी शुरू ही नही किया गया है। उक्त के साथ साथ ही जनपद के सेवरही चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2021-22 का 10227.67 लाख रूपये का बकाया है जो अभी तक किसानों के खाते में क्रेडिट नही हुआ है।अपने ज्ञापन के माध्यम से यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह माँग किया है कि, कप्तानगंज और सेवरही चीनी मिलों पर किसानों के गन्ने का भुगतान जो बकाया है उसे किसानों के खाते में तत्काल भेजवाने का कार्य कराया जाय।अन्त में जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा है कि यदि उक्त गन्ने का भुगतान किसानों को अविलम्ब नही होने की स्थिति में बाध्य होकर किसान हित में इस यूनियन को सड़क पर आकर आन्दोलन करने के लिये मजबूर होना पड़ेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की  होगी। इस मौके पर यूनियन के जिला सचिव चेतई प्रसाद, सूरज लाल, नसरुद्दीन अली, सोहन शर्मा, अशोक शर्मा, जवाहर प्रसाद के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे।
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