11 April, 2025 (Friday)

38 साल पहले की वो काली रात जब जहरीली गैस सब निगल गई, मौत की नींद सो गए हजारों लोग

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। वर्ष 1984 की 2 और 3 दिसंबर की रात को आज भी भारत के इतिहास के सबसे काले दिनों में गिना जाता है। आज ही के दिन भोपाल गैस त्रासदी हुई थी। इस दिन को याद कर आज भी भोपाल के लोग सहम उठते हैं, आज भी लोगों के मन से दर्द निकला नहीं है। लेकिन सबसे बड़ा दर्द यह है कि इस घटना के मुख्य आरोपी को कभी सजा ही नहीं हुई, जिसके लिए लोग राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन और उसकी मूल कंपनी के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाते रहे हैं। आइए जानें भोपाल गैस त्रासदी में क्या-क्या हुआ।

नींद में ही सो गए थे हजारों लोग

2 और 3 दिसंबर की रात हुए इस हादसे में लगभग 45 टन खतरनाक मिथाइल आइसोसाइनेट गैस एक कीटनाशक संयंत्र से लीक हो गई थी, जिससे हजारों लोग मौत की नींद सो गए थे। यह औद्योगिक संयंत्र अमेरिकी फर्म यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन की भारतीय सहायक कंपनी का था। लीक होते ही गैस आसपास की घनी आबादी वाले इलाकों में फैल गई थी और इससे 16000 से अधिक लोग मारे जाने की बात सामने आई, हालांकि सरकारी आंकड़ों में केवल 3000 लोगों के मारे जाने की बात कही गई।

कई सालों तक रहा गैस का असर, नई पीढ़ियों ने भी झेला दर्द

गैस संयंत्र से लीक हुई गैस का असर इतना भयंकर था कि इसके संपर्क में आए करीब पांच लाख लोग जीवित तो बच गए लेकिन सांस की समस्या, आंखों में जलन और यहां तक की अंधापन तक की समस्या हो गई। इस जहरीली गैस के संपर्क में आने के चलते गर्भवती महिलाओं पर भी इसका असर पड़ा और बच्चों में जन्मजात बीमारियां होने लगी।

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