02 November, 2024 (Saturday)

अमेरिकी राष्‍ट्रप‍ति से भी ज्‍यादा टाइट है पुतिन का सुरक्षा कवच, जानें- कैसे होती है रूसी राष्‍ट्रपति की ह‍िफाजत

रूस यूक्रेन जंग के दौरान दुनिया के प्रमुख देशों की नजरें रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन पर टिकी हुई हैं। अमेरिका और नाटो के सदस्‍य देश इस युद्ध के लिए पुतिन को दोषी करार दे रहे हैं। अमेरिका ने तो यहां तक कहा है कि यूक्रेन में जानमाल की क्षति को देखते हुए पुतिन पर युद्ध का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अमेरिका में यह मांग तेज हो गई है। यूक्रेन में जंग के दौरान हुई त्रासदी को देखते हुए रूसी राष्‍ट्रपति को कुछ अतिरिक्‍त जोखिम पैदा हो गए हैं। ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि रूसी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के क्‍या इंतजाम हैं। कैसे होती है रूसी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा। उनकी सुरक्षा के क्‍या-क्‍या इंतजाम हैं। पुतिन जब देश में होते हैं तब उनकी सुरक्षा कैसे होती है और जब वह किसी देश के भ्रमण पर होते हैं तब उनके सुरक्षा के क्‍या इंतजाम होते हैं।

राष्ट्रपति की व्यक्तिगत सेना करती है सुरक्षा

दरअसल, अमेरिकी राष्‍ट्रपति की तरह रूसी राष्‍ट्रपति के सुरक्षा के जबरदस्‍त इंतजाम हैं। रूसी राष्‍ट्रपति और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जो एजेंसी काम करती है उसे रूस में रूसी राष्‍ट्रपति सुरक्षा सेवा के नाम से जाना जाता है। यह रूस की संघीय सुरक्षा सेवा को रिपोर्ट करती है। इसका संगठन केजीबी से हुआ था। रूस में केजीबी रूसी अधिकारियों को सुरक्षा देने का काम करता है। राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा में रूसी नेशनल गार्ड होते हैं। पुतिन ने छह वर्ष पूर्व इस सेवा का गठन किया था और कुछ लोग इसे राष्ट्रपति की व्यक्तिगत सेना भी कहते हैं। पुतिन की सुरक्षा का जिम्‍मा इन्‍हीं रूसी नेशनल गार्ड पर है, वह काफी हद तक पुतिन के निजी गार्ड हैं। यह रूसी सशस्त्र बलों से अलग है। हालांकि, इसका आधिकारिक मिशन रूसी सीमाओं को सुरक्षित रखना, आतंकवाद से लड़ना और सार्वजनिक कानून व्यवस्था की रक्षा करना है। व्यावहारिक रूप से इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य खतरों से पुतिन की रक्षा करना है।

1- जब राष्‍ट्रपति पुतिन विदेश के दौरे पर होते हैं तो उनकी सुरक्षा चार चरणों में होती हैं। इस दौरान उनका सबसे करीबी घेरा उनके अपने निजी गार्ड्स का होता है। यह सुरक्षा गार्ड काले सूट पहले कानों में इयरफोन लगाए परछाई की तरह दिन-रात पुतिन के साथ रहते हैं। यह उनकी सुरक्षा का पहला चरण है। यह सुरक्षा का बेहद अहम चरण है। दूसरे सुरक्षा घेरे में वह गार्ड्स होते हैं, ज‍िन पर जनता का ध्यान कतई नहीं जाता। उनकी सुरक्षा में लगा तीसरा घेरा भीड़ की परिधि को घेरता है और वह उनके इर्दगिर्द संदिग्ध लोगों को आने से रोकता है। चौथा और सबसे आखिरी घेरा आसपास की इमारतों की छतों पर स्थित स्नाइपरों का होता है।

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2- रूसी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में लगे सैनिकों की संख्‍या करीब चार लाख के ऊपर होगी। हाल के वर्षों में इस सुरक्षा में इजाफा किया गया है। अगर हम अमेरिकी राष्‍ट्रपति से इसकी तुलना करें तो रूस में इन गार्ड्स की संख्‍या कई गुना ज्‍यादा है। तात्‍पर्य यह है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में भी इतने गार्ड्स नहीं हैं जितने पुतिन की सुरक्षा में लगे हैं। अमुमन देश में किसी यात्रा के दौरान वह मोटरसाइकिल सवारों, कई बड़ी काली कारों आदि के साथ एक बड़े काफ‍िले में यात्रा करते हैं। उनकी यात्रा के दौरान कई बार हवाई क्षेत्र में कोई भी ड्रोन उड़ाने पर पाबंदियां लगा दी जाती है। यातायात को रोक दिया जाता है।

3- सुरक्षा के लिहाज से राष्‍ट्रपति पुतिन के खान पान पर सख्‍त पहरा है। जहर के डर से पुतिन के पास एक व्‍यक्तिगत टेस्‍टर है, जो उनके पास आने वाली खाने की हर चीज की जांच करता है। जब रूसी राष्‍ट्रपति रूस से बाहर यात्रा करते हैं तो राष्‍ट्रपति की टीम उनके इस्‍तेमाल करने वाली हर चीज की जांच करती है। पुतिन जो भी खाते हैं उनके सभी खाने-पीने की चीजों की जांच होती है। पुतिन के आवास यानी राष्‍ट्रपति भवन के अंदर स्‍मार्टफोन पर प्रतिबंध है। रूसी राष्‍ट्रपति खुद इन उपकरणों को इस्‍तेमाल नहीं करते हैं।

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4- वर्ष 2020 में रूसी समाचार एजेंसी तास के साथ एक साक्षात्कार में पुतिन ने यह स्वीकार किया था। उन्‍होंने कहा था कि यदि वह किसी के साथ संपर्क करना चाहते हैं तो ऐसा करने के लिए एक आधिकारिक लाइन होती है। इंटरनेट के बारे में राष्‍ट्रपति पुतिन की घारणा एकदम अलग है। इंटरनेट के बारे में उनका आधिकारिक बयान यह है कि इंटरनेट सीआइए यानी अमेरिका खुफ‍िया एजेंसी की योजना है। उन्‍होंने खुद रूस के नागर‍िकों से अपील की थी कि गूगल सर्च का प्रयोग नहीं करें। पुतिन ने कहा था कि अमेर‍िका सभी सूचनाओं की निगरानी करता है।

कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से आइसोलेशन में हैं राष्‍ट्रपति पुतिन

कोरोना महामारी के दौरान पिछले दो वर्षों से राष्‍ट्रपति पुतिन आइसोलेशन में हैं। इस दौरान पुतिन बेहद अलग-थलग रहते हैं। उनके नजदीकी लोगों का घेरा काफी सिकुड़ गया है। इस वक्त पुतिन तक लोगों की पहुंच बिल्कुल सीमित कर दी गई है। इतना ही नहीं देश में उनका दौरा बहुत सीमित हो गया है। पुतिन सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी मुश्किल से नजर आते हैं। इस दौरान पुतिन के सुरक्षा गार्ड भी वही लोग हैं, जिनके साथ पुतिन के निजी संबंध हैं। पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को देखने वाले वालों के लिए दो सप्ताह का अनिवार्य क्वारंटीन जरूरी है। उन्हें कड़े मेडिकल नियमों का पालन करना होता है। उनके इर्द-गिर्द रहने वालों को निश्चित अंतराल पर कोरोना टेस्ट भी कराना होता है। उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की मनाही है।

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