हर वक्त खाते रहने की आदत हो सकती हैं बिंज ईटिंग डिसऑर्डर, जानें इससे होने वाले गंभीर नुकसान



र वक्त खाते रहने की आदत से वजन तो बढ़ता ही है साथ ही धीरे-धीरे ये आदत सीरियस मनोवैज्ञानिक प्रॉब्लम भी बन जाती है, जिन्हें ईटिंग डिसॉर्डर के नाम से जाना जाता है। जो मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमया और बिंज ईटिंग। जिसमें से आज हम बिंज ईटिंग और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानेंगे।
बिंज ईटिंग
फूड क्रेविंग को चाहकर भी रोक नहीं पाते। वजन की परवाह किए बगैर बस खाते ही रहते हैं। तो हो सकता है आप बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के शिकार हों। ऐसे लोगों को हर वक्त कुछ न कुछ खाने का चाहिए होता है। स्वाद और सेहत की परवाह किेए बगैर ये बस खाते ही रहते हैं। भरपेट भोजन के बाद भी अगर इन्हें कुछ खाने को दिया जाए तो ये खा लेते हैं। पिज्जा, बर्गर, चॉकलेट, पेस्ट्रीऔर सॉफ्ट ड्रिंक्स इन लोगों की डाइट का खास हिस्सा होते हैं। ये अपनी इस आदत से शर्मिंदा भी होते हैं लेकिन मजबूर भी। जिसके चलते ये छिप-छिप कर अकेले में भी खाने की कोशिश करते हैं। ये एक बहुत ही गंभीर समस्या है।
क्या है नुकसान
– तेल, नमक, मिर्च-मसाले की परवाह किए बगैर खाते रहने की आदत मोटापे का शिकार बनाती है।
– साथ ही कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, हार्ट की ऑर्टरी में ब्लॉकेज जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
– मनपसंद चीज़ें न मिलने पर इन्हें गुस्सा आता है, मूड़ चिड़चिड़ा रहता है और डिप्रेशन भी हो सकता है।
खाने का एक टाइम डिसाइड करना चाहिए।
– खाने पर कंट्रोल नहीं है या बहुत देर तक भूख ही नहीं लगती। दोनों ही परेशानियां होने पर एक्सपर्ट से सलाह लेने में कोई खराबी नहीं।
– बढ़ते वजन पर ध्यान दें लेकिन दूसरों के कमेंट्स वगैरह को लेकर टेंशन में न आएं।
– सही डाइट और एक्सरसाइज़ से वजन कंट्रोल रखें।