02 November, 2024 (Saturday)

एयरपोर्ट के दस किलोमीटर के दायरे में किसी प्रकार की स्लॉटरिंग, गार्बेज डंपलिंग प्रतिबंधित

कुशीनगर। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि एयरपोर्ट के दस किलोमीटर के दायरे में किसी प्रकार की स्लॉटरिंग (मीट, मुर्गे की दुकान), गार्बेज डंपिंग, पोल्यूटेड मैटर की डंपलिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है।  उन्होंने हवाईअड्डा से  दस किलोमीटर का दायरा तथा उड़ान के एप्रोच पाथ से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाली स्लॉटरिंग की दुकानें व गार्बेज डंपिंग पॉइंट्स को चिन्हित कर तत्काल अवैध घोषित करते हुए एसडीएम कसया निरस्त करने का निर्देश दिया है।
कलेक्टर एस राजलिंगम गुरुवार को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तैयारियों तथा विभिन्न पहलुओं को लेकर
एयरफायड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिशासी अधिकारी को डंपिंग के संदर्भ में जरूरी निर्देश देते हुए कहा लैंडमार्क्स व लाइटनिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
 जिलाधिकारी ने कहा कि सीमित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य होगा तो उसका नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट कसाडा से लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने निर्माण संबंधित हाइट की भी जानकारी ली। जिला पंचायती राज अधिकारी अभय यादव को कलेक्टर ने एयरपोर्ट के आसपास घासों की कटाई, जलजमाव की समस्या, नाली सफाई कराने के लिए निर्देशित किया । इस दौरान डीएम ने  भिक्षु व भंते गण से भी वार्ता की और एयरपोर्ट का निरीक्षण भी किया तथा संभावित उद्घाटन संबंधी तैयारियों का जायजा भी लिया। इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के उच्चाधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी अभय यादव ,अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हेमराज सिंह, डीएफओ, उप जिलाधिकारी कसया प्रमोद तिवारी, अधिशासी अधिकारी कुशीनगर ,जिला सूचना अधिकारी कृष्ण कुमार आदि उपस्थित थे।
पहली बार हुई एयरफायड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी की बैठक
कहना न होगा कि एयरफायड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते है। बारह सदस्यीय इस कमेटी की यह पहली बैठक थी। इस कमेटी द्वारा  पर्यावरणीय पहलुओं को देखा जाता है। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि उड़ान क्षेत्र के दस किलोमीटर के दायरे में भवनों का निर्माण,  कूड़ा डंपिंग,  फ्लाईओवर निर्माण,  मोबाइल टावर, चिमनी इत्यादि मानक के अनुरूप हैं कि नहीं।  साथ ही साथ इससे वाइल्डलाइफ को कोई पर्यावरणीय नुकसान या फिर उड़ान के रास्ते मे किसी पक्षी, नीलगाय आ जाने पर सतर्कता के क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं कि  बैठक मे इसकी चर्चा की गई।
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