कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति ने उद्योगों से किया विचार-विमर्श
कृषि कानूनों के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने मंगलवार को कहा कि उसने कानूनों को लेकर आइटीसी और अमूल सहित कृषि प्रसंस्करण उद्योगों के साथ विचार-विमर्श किया है। यह समिति की ओर से अब तक की गई छठी बैठक है। तीन सदस्यीय समिति ऑनलाइन और आमने-सामने बैठकर, दोनों ही तरीकों से हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर विचार के लिए किया था समिति का गठन
समिति ने एक बयान में कहा कि उसने मंगलवार को विभिन्न कृषि-प्रसंस्करण उद्योगों, एसोसिएशन और खरीद एजेंसियों के साथ बातचीत की। उच्चतम न्यायालय ने 12 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी और समिति से इस अवधि के दौरान हितधारकों से परामर्श करने के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। समिति ने कहा कि कुल मिलाकर 18 अलग-अलग हितधारक संगठनों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समिति के सदस्यों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श में भाग लिया।
इन हितधारकों में अमूल, आइटीसी, सुगना फूड्स, वेंकटेश्वर हैचरीज, उद्योग निकाय सीआइआइ और फिक्की के साथ ही सरकार द्वारा संचालित भारतीय खाद्य निगम, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) भी शामिल हैं। विशिष्ट क्षेत्रों में, बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ, समुद्री खाद्य निर्यातक संघ, ऑल इंडिया राइस मिलर एसोसिएशन, ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, ट्रैक्टर मैन्युफैक्चर एसोसिएशन, भारतीय कपास संघ, भारतीय उर्वरक संघ, भारत दलहन और अनाज संघ ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया। समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लिया। समिति ने बयान में कहा, सभी हितधारक प्रतिभागियों ने कृषि कानूनों पर अपने विस्तृत विचार और बहुमूल्य सुझाव दिए।