Advance Tax जमा करने की समयसीमा आ रही है नजदीक, जानिए समय से टैक्स नहीं भरने पर देना पड़ता है कितना जुर्माना
एडवांस टैक्स भरने की 15 मार्च की मियाद नजदीक आ रही है। किसी भी वित्त वर्ष के दौरान 10 हजार रुपये से ज्यादा की कर देनदारी होने की स्थिति में एडवांस टैक्स देय होता है। एक वित्त वर्ष में चार किस्त में एडवांस टैक्स जमा करना होता है। चालू वित्त वर्ष में एडवांस टैक्स की चौथी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च है। टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को समय रहते अपनी आय के आधार पर कर देनदारी की गणना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स को किसी भी वित्त वर्ष के दौरान अपनी आय और इनकम टैक्स की मौजूदा दर के हिसाब से कर देनदारी की गणना करनी चाहिए। इसके बाद अगर टीडीएस का भुगतान किया गया है तो उसे घटा लेना चाहिए और फिर टैक्स देनदारी को कैलकुलेट करना चाहिए।
जैन ने कहा कि सभी तरह के टीडीएस और टीसीएस के भुगतान के बाद अगर आपकी शुद्ध कर देनदारी एक वित्त वर्ष में 10,000 रुपये से ज्यादा बैठती है तो आपको एडवांस टैक्स का भुगतान करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि आयकर कानून के प्रावधानों के मुताबिक 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च को क्रमशः 15%, 30%, 30% और 25% के अनुपात में ए़डवांस टैक्स का भुगतान करना होता है।
जैन ने कहा कि कारोबार करने वालों के अलावा वेतनभोगी लोगों को भी एडवांस टैक्स का भुगतान करना होता है अगर ब्याज या कैपिटल गेन या अन्य स्रोत से अर्जित आय पर कर देनदारी 10 हजार रुपये से ज्यादा बैठती है।
उन्होंने एडवांस टैक्स के भुगतान और उसमें देरी से जुड़े नियमों को स्पष्ट कियाः
अगर कोई व्यक्ति 15 मार्च तक एडवांस टैक्स जमा नहीं करता है या उसने कम टैक्स जमा किया है तो वह उसी वित्त वर्ष के 31 मार्च तक उसका भुगतान कर सकता है। इस भुगतान को भी एडवांस टैक्स माना जाएगा। लेकिन 15 मार्च से 31 मार्च के बीच एडवांस टैक्स जमा करने पर एक फीसद की दर से ब्याज देय होता है।
किसी भी तिमाही की किस्त में कम भुगतान या पेमेंट में चूक होने पर अगली किस्त के साथ उसका भुगतान किया जा सकता है लेकिन इसके लिए प्रति माह के हिसाब से एक फीसद के ब्याज का भुगतान करना होगा।
उदाहरण के लिए अगर आपकी कर देनदारी दो लाख रुपये बनती है तो पहली किस्त में आपको 15 फीसद के रूप में 15 जून तक 30 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और 16 जून को एडवांस टैक्स जमा करते हैं तो आपको अप्रैल से जून तक के लिए एक फीसद की दर से ब्याज देना होगा। इसका मतलब है कि आपको एक दिन की देरी होने पर भी 900 रुपये का ब्याज देना होगा। ऐसे में अगर आप इतने भारी-भरकम ब्याज से बचना चाहते हैं तो अपने एडवांस टैक्स का भुगतान समय पर करें।