लखनऊ: काफिया बानो बनकर सीतादेवी ने बेचा1800 स्क्वायर फीट का प्लाट, गिरफ्तार
हसनगंज पुलिस ने बुधवार को जालसाज महिला सीता देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सीता देवी ने प्रापर्टी डीलर निहाल अख्तर के साथ मिलकर मदेहगंज स्थित 1800 स्क्वायर फीट के प्लाट को 30 लाख रुपये में बेचा था। प्लाट को बेचने के लिए सीता देवी फर्जी डीएल, वोटर आइडी और अन्य दस्तावेजों के आधार पर काफिया बानो (प्लाट की वास्तविक मालकिन) बनीं थी।
इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने बताया कि गिरोह में शामिल बैंक मैनेजर समेत अन्य कर्मियों और लोगों के बारे में ब्योरा जुटा रही है। ठाकुरगंज निवासी जावेद रजा को बेचा गया था प्लाट मामले के विवेचक दारोगा विजय सिंह ने बताया कि प्लाट अक्टूबर 2019 में ठाकुरगंज निवासी जावेद रजा को बेचा गया था। प्लाट की वास्तविक मालकिन का नाम काफिया बानो है। उन्होंने यह प्लाट अपनी बड़ी बहन आबिदा बेगम को दे दिया था। वह मदेहगंज में रहती हैं। जावेद ने 30 लाख रुपये में प्लाट खरीदा था। रजिस्ट्री कराने के बाद जब उन्हें जानकारी हुई तो 17 अक्टूबर को उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद वास्तविक काफिया बानो को पता चला कि उनका प्लाट बिक गया है। इसके बाद उन्होंने भी थाने में शिकायत की थी। बैंक में बंधक था प्लाट, मैनेजर और कर्मचारियों की मिली भगत से हुई जालसाजी दारोगा विजय सिंह ने बताया कि प्लाट चौक स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में बंधक था।
प्लाट की बिक्री के लिए निहाल और सीता देवी ने तत्कालीन बैंक मैनेजर उबैद अहमद सिद्दीकी निवासी ठाकुरगंज और शिवचरण चौधरी समेत अन्य कर्मचारियों की मिली भगत से जालसाजी की। पूरे मामले में बैंक मैनेजर और कर्मचारी भी दोषी हैं। उबैद अहमद सेवानिवृत्त हो चुके हैं और शिवचरण चौधरी का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ हो गया है। सीता देवी ने रजिस्ट्री में फोटो अपनी लगाई और वोटर आइडी एवं डीएल काफिया बानो के नाम से बनवाया था। निहाल ने कहा था मेरा है प्लाट पत्नी की हो चुकी है मौत विवेचक के मुताबिक सीता देवी काशीराम कॉलोनी चिनहट की रहने वाली हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है। सीता देवी ने बताया कि निहाल ने उनसे कहा कि उसकी पत्नी का नाम काफिया बानो है। पत्नी की मौत हो चुकी है। अगर वह काफिया बानो (पत्नी) बनकर रजिस्ट्री के पेपर में साइन कर देगी तो वह उसे भी रुपये देगा। रुपयों के लालच में सीता देवी काफिया बानो बन गईं।