Court News: परिवहन निगम बांदा के क्षेत्रीय प्रबंधक को भेजा जेल, रिश्वत के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार परिवहन निगम बांदा के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार अग्रवाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने चार दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बुधवार को विशेष जज गौरव शर्मा की अदालत में मुल्जिम को पेश कर इसका न्यायिक रिमांड हासिल किया गया। 23 नवबर, 2020 को रिश्वत के इस मामले की शिकायत परिवहन निगम, बांदा के वरिष्ठ लिपिक रमेश कुमार वर्मा ने दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक रमेश के वेतन निर्धारण में हुई त्रुटि को दुरुस्त करने के लिए मुल्जिम 10 हजार की रिश्वत मांग रहा था। उसकी इस शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने मुल्जिम को रिश्वत की इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 24 नवंबर को भ्रष्टाचार निवारण संगठन, झांसी के प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह ने इस मामले की एफआईआर बांदा के कोतवाली नगर में दर्ज कराई थी।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे की अर्जी
राजधानी के गोमतीनगर निवासी एक व्यक्ति को अगवा कर 15 लाख की फिरौती वसूलने के कथित मामले में बुधवार को अदालत में मुकदमे की एक अर्जी दाखिल की गई। इस अर्जी में मेरठ के थाना मुंडाली के एसआई श्याम सिंह, सिपाही अमित बालियान व सिपाही विनोद तथा मेरठ के अंसार अली व आलम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। अदालत में यह अर्जी लखनऊ के अरविन्द सिंह ने दाखिल की है। सीजेएम शिवानंद ने फिलहाल इस अर्जी पर थाना गोमतीनगर से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी।
अर्जीकर्ता का कहना है कि बीते आठ नवंबर को मेरठ के अंसार अली व आलम के साथ उक्त पुलिसवालों ने दयाल पैराडाइज से उन्हें जबरिया उनकी गाड़ी से अगवा कर लिया। मेरठ ले गए। 15 लाख की वसूली की। रकम लेकर मेरठ आए उनके मि़त्र राजेश को सिविल कोर्ट ले गए। उनसे सादे स्टाम्प पर दस्तखत कराया। फिर 20 लाख और मांगे। असमर्थता जताने पर उनकी गाड़ी अंसार ने रख लिया। इसके बाद उन्हें मुडाली थाने ले गए। वहां से यह कहते हुए छोड़ दिया कि जल्द 20 लाख का इंतजाम करो और इस बात की जानकारी किसी को मत देना। वरना इनकाउंटर कर देंगे।
नमक घोटाले में आशीष राय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
नमक घोटाला मामले में बुधवार को मुल्जिम आशीष राय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इस मामले के शेष मुल्जिमों के खिलाफ विवेचना अभी प्रचलित है। 11 अगस्त, 2020 को इस मामले की एफआईआर नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। इस मामले में आशीष राय व मोंटी गुर्जर समेत सात मुल्जिमों को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में नामजद किया गया था। मुल्जिमान न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं।