23 November, 2024 (Saturday)

बिहार-झारखंड से लेकर भारत के कई हिस्सों में अब भीषण गर्मी का दौर जारी

नई दिल्ली: बिहार-झारखंड से लेकर भारत के कई हिस्सों में अब भीषण गर्मी का दौर जारी हो चुका है. कई राज्यों में इतनी भयंकर गर्मी पड़ रही है कि लोगों का अभी से ही जीना मुहाल हो चुका है. अप्रैल में ही कई राज्यों में लू ने कहर मचाना शुरू कर दिया है और तापमान 45 पार हो चुका है. रविवार को भी देश के कई हिस्सों में भयंकर गर्मी पड़ी और तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया. आईएमडी यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो ओडिशा और रायलसीमा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया

आईएमडी ने बताया कि बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से चार से छह डिग्री सेल्सियस अधिक रहा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया.

मौसम विभाग ने कहा कि इस महीने में लू चलने का यह दूसरा दौर है. पहले दौर में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात के कुछ हिस्सों में जबरदस्त गर्मी पड़ी थी. अल नीनो की कमजोर होती स्थितियों के बीच मौसम विभाग ने पहले अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी की चेतावनी दी थी. देश में इस समय लोकसभा चुनाव के लिए मतदान भी हो रहा है. चुनाव सात चरणों में हो रहा है. पहले चरण के चुनाव के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था.

मौसम कार्यालय ने कहा है कि अप्रैल में देश के विभिन्न हिस्सों में चार से आठ दिन लू चलने की आशंका है, जबकि सामान्य तौर पर एक से तीन दिन लू वाले दिन होते हैं. पूरे अप्रैल-जून की अवधि में सामान्यतः चार से आठ दिन की तुलना में दस से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है. जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में लू वाले दिन देखे जाने का अनुमान जताया गया है, उनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, बिहार और झारखंड शामिल हैं. कुछ स्थानों पर 20 से अधिक दिन तक लू चल सकती है. आईएमडी सहित वैश्विक मौसम एजेंसियां भी साल के अंत में ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद कर रही हैं.

क्यों पड़ रही इतनी गर्मी?
अब सवाल उठता है कि आखिर देश में इतनी गर्मी अभी से ही क्यों पड़ रही है? भले ही देश में अल नीनो की स्थिति कमजोर होती जा रही है, मगर उसका असर अब भी है. यही वजह है कि देश के कई हिस्सों में अभी भी गर्मी पड़ रही है. इतना ही नहीं, मौसम विभाग की मानें तो अत्यधिक गर्मी निचले स्तर पर शुष्क पश्चिमी हवाओं के साथ-साथ मजबूत सोलर आइसोलेशन के कारण पड़ रही है. आसान भाषा में कहें तो अल नीनो, एक ऐसा इफेक्ट है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ हो जाता है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, तब अल नीनो का इफेक्ट दिखाई देता है.

भारतीय वैज्ञानिक क्या कह रहे?
वहीं, भारतीय मौसम वैज्ञानिक महेश पहलावत का कहना है कि अभी कई राज्यों में अत्यधिक गर्मी पड़ने की कई वजह हैं. एक तो उत्तर पश्चिमी गर्म हवाएं चल रही हैं और मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है.  इतना ही नहीं, एक तो कार्बन डाइऑक्साइड यानी कि प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ रहा है, दूसरा ग्लोबल वार्मिंग और तीसरा तेजी से पेड़ पौधे कट रहे हैं और बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बन रही है. इन सबकी वजह से लगातार मौसम में बदलाव देखे जा रहे हैं और भीषण गर्मी पड़ रही है. साथ ही जमीन के अंदर का पानी भी लगातार सूख रहा है, यह भी गर्मी का एक बड़ा कारण है.

कब से राहत की संभावना?
मौसम संबंधी जानकारी देने वाली वेबसाइट स्काईमेट वेदर के मुताबिक, नवंबर से जनवरी के दौरान असामान्य रूप से हल्की बारिश और बर्फबारी ने पश्चिमी हिमालय में सूखे की स्थिति के बारे में चिंताएं बढ़ गई थी, मगर मौसम में बदलाव के कारण फरवरी और मार्च में पश्चिमी विक्षोभ गतिविधि में वृद्धि हुई, जिससे क्षेत्र में भारी वर्षा हुई. यह स्थिति अप्रैल के आखिरी तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे गर्मी और तापमान से बहुत जरूरी राहत मिलेगी. उत्तर पश्चिम भारत में तेज गर्मी की शुरुआत में देरी होगी. वहीं, आईएमडी का कहना है कि आज कल में दिल्ली में बारिश हो सकती है और दो दिन बाद फिर तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी.

कहां-कहां राहत की उम्मीद?
22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है, जिससे 23 अप्रैल तक ऊपरी इलाकों में मध्यम बारिश और बर्फबारी होगी. एक और विक्षोभ 26 अप्रैल तक पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचेगा. ये विक्षोभ चक्रवाती परिसंचरण के गठन को भी गति देंगे, जिससे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान सहित उत्तर पश्चिम भारत में छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी. लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली प्री-मानसून बारिश का तापमान को कंट्रोल में रखेगी, जिससे अप्रैल महिने में भीषण गर्मी की संभावना काफी कम हो जाएगी

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