22 November, 2024 (Friday)

सच में दिल्ली का टेंपरेचर 52.9 डिग्री सेल्सियस?

Delhi Weather: दिल्ली में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले. 29 मई को मुंगेशपुर में 52.9 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर रिकार्ड किया गया. हालांकि उसी दिन दिल्ली की दूसरी जगहों पर तापमान 46 से 49.9 डिग्री सेल्सियस के आसपास था. यानी मुंगेशपुर से 6 से 7 डिग्री कम. उदाहरण के तौर पर राजघाट का तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस था तो लोधी रोड का 46.02 डिग्री सेल्सियस.

आखिर एक ही शहर में अलग-अलग जगह अलग तापमान क्यों होता है? टेंपरेचर रिकॉर्ड कैसे किया जाता है? IMD को क्यों 52.9 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर पर भरोसा नहीं हो रहा? जानते हैं

कैसे रिकॉर्ड होता है दिल्ली का टेंपरेचर?

मौसम विभाग ने दिल्ली में कुल 5 क्लाइमेट स्टेशन बनाए हैं, जो लगातार मौसम से जुड़ी जानकारी देते रहते हैं. ये स्टेशन सफदरजंग, पालम, लोधी रोड, रिज एरिया और आया नगर में हैं. इसके अलावा IMD ने साल 2022 की गर्मी में दिल्ली-एनसीआर की कुल 15 जगहों पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) इंस्टॉल किये थे. ये स्टेशन प्रगति मैदान, पूसा, इग्नू, केवीके सीआरपीएफ कैंपस, केंद्रीय विद्यालय नारायणा, फार्मा साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, सलवान पब्लिक स्कूल, एयर फोर्स स्टेशन हिंडन, केंद्रीय विद्यालय कमला नेहरू नगर, मुंगेशपुर, नरेला, पीतमपुरा, आयानगर, जाफरपुर, नजफगढ़ और उज्मा केवीके में बने हैं.

तीसरा फैक्टर है उस इलाके का पापुलेशन. अगर कोई इलाका बहुत घना है और वहां की आबादी ज्यादा है तो भी उस इलाके का तापमान बढ़ जाता है. चौथा फैक्टर है कि अगर किसी इलाके में शॉपिंग मॉल और कमर्शियल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स ज्यादा हैं तो वहां एयर कंडीशन के चलते लोकल टेंपरेचर ज्यादा होगा, क्योंकि एसी के चलते वातावरण में बहुत ज्यादा गर्मी घुलती है.

राजस्थान से आने वाली गरम हवाएं
नॉर्थ और सेंट्रल इंडिया के तमाम राज्य भीषण हीट वेव (Heat Wave in India) का सामना कर रहे हैं. दिल्ली उन राज्यों में है, जो हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि दिल्ली के बाहरी इलाके राजस्थान की तरफ से आने वाली गर्म हवाओं का सबसे पहले सामना करते हैं. जैसे मुंगेशपुर, नरेला नजफगढ़, आदि. ऐसे में स्वभाविक है कि इन इलाकों का तापमान दिल्ली के अंदरूनी इलाकों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा होगा. 29 मई को मुंगेशपुर का टेंपरेचर, दिल्ली के दूसरे इलाकों के मुकाबले ज्यादा होने का यह भी एक कारण हो सकता है.

IMD को क्यों शक?
दिल्ली में इस साल पिछले कई साल के मुकाबले ज्यादा गर्मी पड़ रही है, लेकिन इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) को अभी भी शक है कि यहां टेंपरेचर 52.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. आईएमडी डेटा वेरीफाई कर रही है. उसका कहना है कि संभवत: सेंसर में खराबी के चलते या लोकल फैक्टर की वजह से इतना ज्यादा टेंपरेचर रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग के एक पूर्व वैज्ञानिक कहते हैं कि हमारे मोबाइल में वेदर या टेंपरेचर ऐप जो तापमान दिखाता है, वह सबसे नजदीकी वेदर स्टेशन का होता है. जरूरी नहीं है कि वह IMD के क्लाइमेट स्टेशन का ही हो.

वह ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) का डाटा भी हो सकता है. मान लीजिये आप दिल्ली में पीतमपुरा से राजघाट के बीच ट्रेवल कर रहे हैं तो आपके फोन पर अलग-अलग तापमान दिखाई दे सकता है. ऐसे में मुंगेशपुर के टेंपरेचर को पूरी दिल्ली का टेंपरेचर नहीं कह सकते.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *