लखनऊ एयरपोर्ट से महिला संग फरार हुए 30 तस्कर, कस्टम के पास भूल गए एक ऐसी चीज
लखनऊ: लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से फरार हुए 30 तस्कर कस्टम के पास एक ऐसी चीज भूल गए हैं, जिसकी वजह से उनका गिरफ्त से बाहर रहना लगभग असंभव हो जाएगा. लखनऊ कस्टम अधिकारियों के पास मौजूद इसी चीज की मदद से न केवल लखनऊ पुलिस अपनी रणनीति तैयार कर रही है, बल्कि आईबी भी फरार आरोपियों के लिए एक्टिव हो गई है.
उल्लेखनीय है कि शारजाह से लखनऊ आने वाली फ्लाइट से सोमवार सुबह करीब 7.10 बजे 36 आरोपियों को फ्लाइट से हिरासत में लिया गया था. इन सभी को डीआरआई के इंटेल पर सोना और सिगरेट की तस्करी के आरोप में हिरासत में लिया गया था. तलाशी के दौरान, इनके कब्जे से 3.5 करोड़ रुपए का सोना, 25 लाख रुपए नगद और विदेशी सिगरेट की स्टिक्स बरामद की गईं थी.
कस्टम अधिकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान एक महिला सहित छह आरोपियों ने सोने के बॉडी कंसीलमेंट की बात स्वीकार की थी, लिहाजा सभी तस्करों की बॉडी का एक्स-रे कराया जा रहा था. इसी बीच, एक तस्कर ने बीमारी का बहाना बनाया और तुरंत इलाज मुहैया कराने की जिद करने लगा. अधिकारी अपनी प्रतिक्रिया देते, इससे पहले दूसरे आरोपियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.
कुछ इस तरह एयरपोर्ट से फरार हुए तीस तस्कर
जब तक कस्टम के दूसरे अधिकारी कुछ समझ पाते, इससे पहले मौके पर अफरा तफरी का माहौल बन गया. और, इसी का फायदा उठाकर 30 आरोपी मौके से फरार हो गए. वहीं, कस्टम से शिकायत मिलने के बाद लखनऊ पुलिस की टीम ने भी तस्करों की तलाश शुरू कर दी है. इस बाबत, आईबी को भी अलर्ट कर दिया गया है. आईबी भी अपने स्तर पर आरोपियों का पता लगा रही है.
अब कुछ इस तरह तस्करों तक पहुंचेगी पुलिस
दरअसल, हिरासत में लेने के बाद कस्टम अधिकारियों ने सभी तस्करों के पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिए थे. चूंकि, पासपोर्ट में आरोपियों के मूल पता दर्ज है, लिहाजा उनके परिजनों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा, एयरलाइंस की मदद से उन टिकट एजेंट्स और वेब लोकेशन भी पता की गई है, जहां से आरोपियों ने टिकट बुक किए थे.
बैंक ट्रांजेक्शन के जरएि भी खोजे जा रहे हैं सुराग
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, एयर टिकट बुक करते समय किए गए बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए भी आरोपियों की लोकेशन और उनसे जुड़े लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा, संभावित इलाकों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है, जिससे आरोपियों के भागने की दिशा और वाहन के बारे में पता किया जा सके