बिहार में आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव, विधानसभा में नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान
नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर को जातिगत गणना के आंकड़े जारी किए. इसके एक दिन बाद सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और तीनों लेफ्ट पार्टियों के साथ असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने सर्वे के आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की थी.
पटना: बिहार में जाति गणना रिपोर्ट (Bihar Caste Survey) जारी होने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार ने विधानसभा में आरक्षण (Quota) का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव पेश किया है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार सरकार ने ओबीसी (OBC) और ईबीसी (EBC) वर्ग के लिए ये प्रस्ताव पेश किया है.इस प्रस्ताव के मुताबिक, अनुसूचित जाति (SC) को फिलहाल 16 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा.
अनुसूचित जनजाति (ST) को 1 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी किया जाएगा. अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को मिलाकर 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. पहले महिलाओं को 3 फीसदी आरक्षण का प्रावधान था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है.बिहार विधानसभा में मंगलवार को देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं.