प्रदेश अध्यक्ष को तरसती कांग्रेस, भाजपा लोस की तैयारी में
लखनऊ (वरिष्ठ संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी में अभी से जुट गई है। वही देश का बड़ा विपक्षी दल कांग्रेस यूपी में एक प्रदेश अध्यक्ष की खोज नहीं कर पा रहा है। सूबे में कांग्रेस अध्यक्ष का पद बीते 15 मार्च से खाली है। बीते विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद तत्कालीन अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफा ले लिया था। इसी के बाद से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है, परन्तु पर अब तक वह यह तय नहीं कर सका है कि अध्यक्ष की कमान किसे सौंपी जाए। इसकी एक वजह है राज्य के बड़े कांग्रेसी नेताओं का प्रदेश अध्यक्ष बनने से इंकार करना, जिसके चलते कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष तय करने में विलंब हो रहा है, अब कहा जा रहा है कि इसी माह पार्टी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल कर देगी और यह अध्यक्ष ब्राह्मण, पिछड़ा या दलित समाज से होगा।
सूबे में बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी किस ब्राह्मण, मुस्लिम, पिछड़ा या दलित समाज के किस नेता को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी यह फिलहाल भविष्य के गर्भ मेें है। कारण यह कि बीते माह कांग्रेस पार्टी ने राज्य के दो ब्राह्मण नेताओं राजीव शुक्ला और प्रमोद तिवारी को दो अलग-अलग राज्यों से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है, इनके अलावा मुस्लिम चेहरे के तौर पर उत्तर प्रदेश के ही इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्टï्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया, कांग्रेस के इस निर्णय से ऐसा लग रहा है कि पार्टी ब्राह्मण और मुस्लिम की राजनीति कर रही है। सपा के मुकाबले खड़े होने के लिए कांग्रेस के मुस्लिम वोट की भी जरूरत है, यूपी की वर्तमान राजनीति में बसपा के कमजोर होने से दलित वोट पर भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी नजर है। ऐसे में प्रियंका गांधी की सलाह पर सोनिया गांधी पीएल पुनिया जैसा कोई दलित चेहरा बृजलाल खाबरी को भी आगे कर सकती है, ओबीसी राजनीति से कांग्रेस का मोहभंग हुआ है, इसके बाद भी उसे किसी ओबीसी नेताओं को आगे बढ़ाने पर गुरेज नहीं है, इसलिए पार्टी में कभी सवर्ण तो कभी पिछड़ा और कभी दलित जाति से आने वाले नेताओं के नाम उछलते हैं।