दिमागी बुखार पर नियंत्रण सामूहिक प्रयास का परिणाम : सीएम योगी
गोरखपुर (स्वरूप संवाददाता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत तक नियंत्रण पा लिया गया है। यह सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाने में समाज के हर एक तबके ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है। अब हमें बची पांच प्रतिशत बीमारी पर भी नियंत्रण प्राप्त कर इंसेफेलाइटिस का पूर्ण उन्मूलन करना है। श्री योगी शुक्रवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से प्रदेश व्यापी विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ कर रहे थे। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक से 31 जुलाई तक तथा दस्तक अभियान 16 से 31 जुलाई तक चलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक स्वास्थ्य सिर्फ उपचार का नाम नहीं है बल्कि इसमें जागरूकता, अंतर विभागीय समन्वय व टीमवर्क का बड़ा योगदान होता है। इन सबको एक साथ लेकर चलाए गए कार्यक्रम का ही परिणाम है कि आज पूर्वी उत्तर प्रदेश दिमागी बुखार से उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पूर्व तक जुलाई का महीना प्रारंभ होते ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार से मौतें होने लगती थीं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की इतनी भीड़ हो जाती थी कि सारी व्यवस्था धरी की धरी रह जाती थी। चार साल में आशा बहनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, बेसिक शिक्षा के शिक्षकों, नगर विकास, ग्राम्य विकास, पंचायती राज विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग से मिलकर तथा यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, पाथ आदि संस्थाओं के साथ जुड़कर अंतर विभागीय समन्वय के अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया।
इसी टीम वर्क का नतीजा है कि आज इंसेफलाइटिस व अन्य संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण पाने में कामयाबी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफलाइटिस की चपेट में जो भी पांच प्रतिशत बच्चे शेष रह गए हैं हमें उन्हें भी बचाना है। दिमागी बुखार होने की दशा में बच्चे को समय से उपचार नहीं मिला तो वह जीवित रहने पर भी शारीरिक या मानसिक दिव्यांग ता का शिकार हो जाता है। यद्यपि हमने ऐसे दिव्यांग बच्चों के लिए पुनर्वास केंद्र खोला है लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। हमें बीमारी को लेकर पहले से सावधानी रखनी होगी और यदि इसके बावजूद भी बीमारी हो गई तो समय पर उपचार दिलाना होगा।
उन्होंने अपील की कि बच्चों को किसी झोलाछाप डॉक्टर को नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों के पास ले जाकर इलाज कराएं। योगी ने कहा कि कोई भी रोगी हो तो वह चुनौती पूरे समाज की होती है। वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान हम सभी ने इसे महसूस किया है। बीमारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि बच्चे समाज और देश के बहुमूल्य धरोहर हैं। इस धरोहर को बचाने की जिम्मेदारी सबकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जापानी इंसेफेलाइटिस हो या फिर एक क्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम, इनके पूर्ण उन्मूलन के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान बेहद महत्वपूर्ण है। प्रत्येक तीन माह पर और वर्ष भर में 4 ऐसे अभियानों के साथ हम सभी को जुडऩा होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो क्षेत्र हैं वहां अलग-अलग बीमारियां देखने को मिलती हैं। कोई क्षेत्र इंसेफलाइटिस से प्रभावित है तो कोई मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया या कालाजार से। अपने अभियानों व सामूहिक प्रयासों से हमने धीरे धीरे इन सभी बीमारियों पर नियंत्रण पाया है।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में कालाजार पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है। मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भी हम तेजी से अग्रसर हैं। फाइलेरिया नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। सामूहिक प्रयासों से डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान से सामूहिकता के साथ जुड़कर हम दिमागी बुखार के साथ हर संचारी रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाने में सफल होंगे।
आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं
गोरखपुर (स्वरूप संवाददाता)। प्रदेश के मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों से कहा कि मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी कार्य या कोई भी लक्ष्य हासिल करना कठिन नहीं है। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में मेरिट सूची में स्थान बनाने वाले मेधावी विद्यार्थियों से संवाद करते हुए श्री योगी ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी चीज को छोटा मत समझिए। छोटी-छोटी चीजें भी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। हम विफल तभी होते हैं जब हम कई बातों को छोटा समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यह भी याद रखें मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। मेहनत करेंगे तो लक्ष्य जरूर प्राप्त करेंगे। गोरखपुर जिले में हाईस्कूल व इंटर के टॉप टेन विद्यार्थियों के बीच मुख्यमंत्री कभी अभिभावक की भूमिका में दिखे तो कभी शिक्षक तो कभी इन विद्यार्थियों के सहपाठी।
मेधावी विद्यार्थी संवाद नामक इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने विद्यार्थियों को और शानदार सफलता हासिल करने के लिए टिप्स देते हुए कहा कि हर महत्वपूर्ण चीज की नोटबुक बनाइए। किसी दूसरे पर निर्भर होने की बजाय अपने नोटबुक से परीक्षा देंगे तो लक्ष्य के अनुरूप सफलता अवश्य प्राप्त होगी। कोई भी परीक्षा हो तो उसके लिए पूरी तैयारी करना, साथ ही खुद को भय और चिंता से मुक्त करना भी बहुत आवश्यक है।
श्री योगी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को नियमित समाचार पत्र पढऩे की आदत डालनी चाहिए। समझाया, यह आपके सामान्य ज्ञान को अपडेट रखने का बेहतर माध्यम है। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थी समाचार पत्रों के संपादकीय पेज पर प्रकाशित लेखों का अध्ययन अवश्य करें और उसमें से महत्वपूर्ण विचारों व तथ्यों को नोट करने की भी आदत डालें। संपादकीय पेज के लेख तथ्यपरक, ज्ञानवर्धक व रोचक होते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों को पुस्तकालय में जाकर पुस्तकों को देखने, उनका अध्ययन करने व वर्तमान दौर में ऑनलाइन माध्यम से देश-दुनिया के पुस्तकालयों से जुडऩे का भी सुझाव दिया।
संवाद के दौरान सीएम योगी ने विद्यार्थियों से सवाल किया कितने बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एग्जाम वारियर्स पढ़ी है, कितनों ने पीएम की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को देखा-सुना। साथ ही कहा कि सभी विद्यार्थियों को एग्जाम वारियर्स जरूर पढऩा चाहिए, इससे सफलता हासिल करने के लिए प्रेरक मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश से जुड़ते हैं। देश के किसी भी कोने में कौन क्या नया कर रहा है इसकी रोचक जानकारी देते हैं।
श्री योगी ने कहा कि परीक्षाओं की तैयारी के साथ अन्य क्षेत्रों में भी रुचि रखनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने मेधावी छात्रा वैष्णवी अग्रहरी का उदाहरण देते हुए कहा कि वैष्णवी रामचरितमानस व श्रीमद्भागवत गीता का सस्वर गायन करती हैं। यह व्यक्तित्व को आगे बढ़ाने में सहायक है। विद्यार्थियों को खेलकूद व समसामयिक विषयों पर सकारात्मक डिबेट की भी आदत होनी चाहिए।
कार्यक्रम में मेधावी विद्यार्थियों के विद्यालयों के प्रधानाचार्य भी मौजूद थे। उनका आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय में पठन पाठन तथा अनुशासन का माहौल बनाना प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी है। उन्होंने अपील की की विद्यालयों में क्लास रूम के साथ ही लैब, लाइब्रेरी व परिसर सभी साफ-सुथरे होने चाहिए। यदि किसी विद्यालय में सफाईकर्मी न हो तो शिक्षक व छात्र सामूहिक रूप से यह कार्य कर सकते हैं। विद्यार्थी में स्वच्छता का भाव हो, अनुशासन हो और वह समय पर स्कूल जाएं, इसके लिए विद्यार्थी के साथ अभिभावकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
सीएम योगी ने प्रधानाचार्यों से कहा कि विद्यालयों में प्रार्थना सभा में नित्य नई जानकारियां दी जाएं। साथ ही सभी विद्यालयों में पुरातन छात्र परिषद का भी गठन करना चाहिए। पुरातन छात्रों के अनुभवों का लाभ इन विद्यार्थियों को मिलेगा और इनका मार्गदर्शन होगा। ऐसे प्रयासों से हम हर विद्यालय में कुछ नया कर सकते हैं।
लोकल से ग्लोबल बने ओडीओपी उत्पाद
ओडीओपी को भविष्य में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार हर जिले में कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर (सीएफसी) खोलेगी। कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर के संचालकों ने लोकल उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। मुख्यमंत्री से बात करते हुए सीएफसी संचालकों ने कहा कि 24 जनवरी 2018 को मुख्यमंत्री की पहल से विरासत में मिले परंपरागत कला, कौशल को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए शुरू ओडीओपी योजना ने स्थानीय शिल्पकारों और अन्य उत्पादों निर्माताओं को तरक्की की नई उड़ान दी है। आगरा, अंबेडकर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थ नगर और आजमगढ़ में नवस्थापित सीएफसी के लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम से वर्चुअली मुखातिब संचालकों ने अपने कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी साझा की।
अंबेडकर नगर के कासिम ने कहा कि यहां स्थापित सीएफसी में लगी अत्याधुनिक मशीनों से न केवल हमारे उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि उत्पादन भी बढ़ जाएगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढऩा सोने पर सुहागा जैसा होगा। यह केंद्र टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़े करीब 1.25 लाख परिवारों के लिए संजीवनी साबित होगा। उम्मीद है कि इस सीएफसी के माध्यम से हम साल में करीब 12 लाख मीटर बेहतरीन गुणवत्ता के कपड़े बनाएंगे।
दरियों के लिए विख्यात सीतापुर के हयात ने कहा कि सीएफसी में लगी नयी मशीनों के जरिए हमारे उत्पाद गुणवत्ता में वैश्विक स्तर के हो जाएंगे। निर्यात की संभावना बढ़ जाएगी। इसका लाभ पुश्तैनी हुनर से जुड़े हजारों परिवारों को होगा। ओडीओपी योजना की महत्ता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना तब आई जब लोग विरासत में मिले इस हुनर को छोड़ रहे थे, तब हमने सोचा भी नहीं था कि इस योजना से हम लोकल से ग्लोबल बन जाएंगे।
सिद्धार्थनगर के सीएफसी के संचालक अभषेक सिंह ने कहा कि कुछ साल पहले हालात ये थे कि खोजने पर भी पांच टन शुद्ध कालनमक चावल नहीं मिलता था। आज जरूरत पडऩे पर हम 100 टन भी एक दिन में उपलब्ध करा सकते हैं। यह सरकार के प्रोत्साहन से ही संभव हुआ। आज सिद्धार्थनगर के इस ओडीओपी उत्पाद का डंका देश ही नहीं दुनियां में बज रहा है।
संवाद के दौरान सीएम ने कहा कि सरकार हर जिले में ऐसी सीएफसी खोलेगी। आप लोग बाजार की मांग के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करें। सीएफसी से अधिक से अधिक लोगों को जोड़े। ट्रेनिंग और पैकिंग पर खासा ध्यान दें। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह हुनर से जुड़े लोगों को बैकों से जोड़ें। सरकार की योजनाओं के बारे में उनको बताएं। अगर सही तरीके से योजना पर अमल हुआ तो ओडीओपी आने वाले समय में प्रदेश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन साबित होगा।