जल दिवस’’ पर डीएम ने अधिकारियों/कर्मचारियों को दिलायी शपथ
श्रावस्ती। देश के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के द्वारा मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ’’जल दिवस’’ के अवसर पर जल संचयन कार्यक्रम के अन्तर्गत जल शक्ति अभियान ’’कैच द रेन’’ यानी वर्षा जल का संरक्षण अभियान-2022 का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। ’’कैच द रेन’’ अभियान इस वर्ष 29 मार्च, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक लागू रहेगा। इस दौरान नई दिल्ली में विज्ञान भवन में राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं को महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा सम्मानित भी किया गया। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि लोगों को जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय जल पुरस्कार की आवश्यकता महसूस की गई। यह पुरस्कार, पानी के महत्व पर जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और प्रभावी जल प्रबंधन में सर्वाेत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी प्रयास करते हैं। जनपद के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में जनजागरूकता के उद्देष्य से जल शक्ति अभियान ’’कैच द रेन’’ का आयोजन किया गया है, तथा मा0 राष्ट्रपति जी के जल शक्ति अभियान ’’कैच द रेन’’ कार्यक्रम का लाइव प्रसारण एवं लघु फिल्म दिखाया गया। उक्त कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को शपथ दिलायी गयी तथा कार्यक्रम का समापन राष्टगान से किया गया। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जल संकट देश ही नही बल्कि पूरे विश्व की गम्भीर समस्या है। दुनिया के विशेषज्ञों की राय है कि वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देकर गिरते भू-जल स्तर को रोका जा सकता है। इसमें दो राय नही है कि जल संकट ही आने वाले समय की सबसे बडी चुनौती होगी, जिस पर गौर करना आज की सबसे बडी जरूरत है। उन्होने कहा कि वर्षा जल संचयन प्रणाली एक अत्यंत सरल तकनीक है, जिसे अपनाने से हमारी दैनिक जीवन की पानी की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। इस प्रणाली का प्रयोग घरेलू तथा व्यावसायिक दोनों ही प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जा सकता है, वर्षा जल के संचयन की यह पद्धति अत्यधिक कारगर साबित होती है। उन्होने कहा कि अगर इसका ठीक से प्रयोग किया जाये, तो यह उस क्षेत्र के भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल संरक्षण हेतु अपने ग्राम को जल संसाधन में आत्मनिर्भर बनाना, वृक्षारोपण करना, जल संचयन, रेन वाटर हारवेस्टिंग, जल संरक्षण सम्बन्धी प्रयास से लोगों को जागरूक करें, जिससे आने वाली पीढ़ी को मानकों के अनुसार जल प्राप्त हो सके। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी कमलेश चन्द्र, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट परीक्षित खटाना, उपजिलाधिकारी आशुतोष, जिला विकास अधिकारी विनय कुमार तिवारी, जिला पंचायत राज अधिकारी आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव, सहायक निदेशक मत्स्य सुरेश कुमार, प्रसाशनिक अधिकारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव, जिला सूचना अधिकारी शिवनाथ, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी छोटेलाल, प्रधान सहायक सुनील श्रीवास्तव, आपदा सलाहकार मो0 गफ्फार हुमायूं सहित कलेक्ट्रेट परिवार के अन्य अधिकारीगण/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।