भारत से लगती सीमा वाले देशों से मिले 347 एफडीआइ प्रस्ताव, 66 को सरकार ने दी मंजूरी
भारत के साथ लगती सीमा वाले देशों से सरकार को 18 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक लगभग 75,951 करोड़ रुपये के 347 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से 66 प्रस्तावों को जहां अब तक मंजूरी दी जा चुकी है वहीं 193 प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया है या फिर उन्हें वापस ले लिया गया है। यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने लोकसभा में दी।
दरअसल, अप्रैल, 2020 में सरकार ने घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए भारत के साथ लगती सीमा वाले देशों से मिलने एफडीआइ प्रस्ताव पर पूर्व स्वीकृति की शर्त अनिवार्य कर दी थी।
इस कदम का मूल मकसद चीन की कंपनियों द्वारा भारत की छोटी कंपनियों को अधिग्रहण से बचाना था। जिन देशों की सीमा भारत के साथ लगती है, उसमें चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं। उस फैसले के बाद इन देशों से आने वाले एफडीआइ प्रस्तावों को किसी भी क्षेत्र में निवेश से पहले सरकार की मंजूरी लेना आवश्यक होता है। जिन 66 एफडीआइ प्रस्तावों को स्वीकृति मिली हैं, उसमें आटोमोबाइल क्षेत्र में सात, केमिकल सेक्टर में पांच, कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर में तीन, फार्मा में चार, शिक्षा में एक, इलेक्ट्रानिक्स में आठ, खाद्य प्रसंस्करण में दो, सूचना प्रसारण में एक, मशीन टूल्स में एक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में एक, बिजली में एक, सेवा क्षेत्र के 11 प्रस्ताव शामिल हैं। 13,624.88 करोड़ रुपये के यह 66 प्रस्ताव हैं।
कोयले की आपूर्ति सामान्य: प्रल्हाद जोशी
नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टाक अक्टूबर 2021 में 7.2 मिलियन टन के निचले स्तर पर पहुंच गया था। यह स्थिति आपूर्ति में रुकावट और बिजली की मांग में वृद्धि के चलते आई थी। हालांकि अब कोयले की आपूर्ति सामान्य हो गई है और किसी भी संयंत्र में कोई कमी नहीं है।