23 November, 2024 (Saturday)

किसान आंदोलन को हुआ एक साल पूरा, पीछ़े न हटने का हो चुका है एलान, आज होगा शक्ति प्रदर्शन

किसान आंदोलन को आज एक वर्ष पूरा हो गया है। इस मौके पर दिल्‍ली की सीमाओं पर किसानों ने एकजुट होने का एलान किया हुआ है। इसको देखते हुए हर जगह सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक-चौबंद की गई है। किसान नेता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि केवल तीना कृषि कानूनों के वापस लेने से किसानों की समस्‍या का समाधान नहीं होगा। लिहाजा जब तक केंद्र सरकार किसानों से बात नहीं करती है और एमएसपी पर कानून नहीं बनाती है, ये आंदोलन जारी रहेगा। बता दें कि किसान आंदोलन के एक वर्ष के दौरान कई बार ऐसा भी देखने को मिला था कि ये अब ठंडा पड़ रहा है। लेकिन बार-बार किसानों के जोश ने इसको ठंडा नहीं पड़ने दिया। हालांकि इस आंदोलन के दौरान लाल किला पर जो कुछ हुआ वो वास्‍तव में शर्मसार करने वाला था।

क्‍यों शुरू हुआ ये आंदोलन 

सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ ये आंदोलन इन कानूनों को वापस लेने के बाद भी लगातार जारी है। किसानों ने एलान कर दिया है कि वो अपनी दूसरी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और जब तक सदन में इन कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता है तब तक वो भी डटे रहेंगे। किसानों का यहां तक कहना है कि उन्‍हें पीएम मोदी के एलान के बावजूद इस बात पर विश्‍वास नहीं है कि ये कानून वापस होंगे। इसके अलावा किसान एमएसपी पर कानून चाहते हैं।

दूसरी मांगों पर अड़े किसान 

किसान नेता राकेश टिकैत साफ कर चुके हैं कि आखिर यदि वो कृषि काूननों की वापसी के एलान के बाद अपने आंदोलन को वापस ले लेते हैं तो दूसरी मांगों को लेकर वो किससे बात करेंगे। इसके लिए उन्‍हें सरकार से ही बात करनी होगी। लिहाजा दूसरी मांगों के पूरा होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बता दें कि किसान नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। उनकी शहादत का ही नतीजा है कि उनकी जीत हुई है।

केजरीवाल का सलाम 

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के एक वर्ष पूरा होने पर उन्‍हें शुभकामनाएं दी हैं। अपने एक ट्वीट में उन्‍होंने कहा है कि आज किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने गर्मी-सर्दी, बरसात-तूफ़ान के साथ अनेक साज़िशों का भी सामना किया। देश के किसान ने हम सबको सिखा दिया कि धैर्य के साथ हक़ की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है। किसान भाइयों के हौसले, साहस, जज्‍बे और बलिदान को मैं सलाम करता हूं।

सरकार की तैयारी

बता दें कि शीत कालीन सत्र शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। सरकार भी तीनों कृषि कानूनों को रद करने की तैयारी कर चुकी है। सत्र के पहले ही दिन सरकार की तरफ से अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इससे साफ है कि सरकार सत्र के पहले ही दिन किसानों की सबसे बड़ी मांग पर अंतिम मुहर लगा देना चाहती है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *