संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद की राजनीति पर निशाना, जानें भाषण की प्रमुख बातें
आज 26 नवंबर 2021 के दिन भारत को संविधान अपनाए हुए 72 साल पूरे हो चुके हैं। आज के ही दिन साल 1949 में डॉ. भीम राव आंबेडकर ने देश को संविधान सौपा था, जिसे 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। जिसके चलते देश में 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और तमाम तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भारतियों में संविधान के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। केंद्र सरकार के फैसले को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया था।
संविधान दिवस के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजन किया गया। जिसमें तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्यों की पिछली सरकारों पर निशाना साधा।
संविधान के निर्माताओं को प्रणाम
संविधान दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सदन को प्रणाम करते हुए, जगह के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने बताया की, इसी पवित्र जगह पर महीनों तक भारत के एक्टिविस्टों ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए व्यवस्थाओं को निर्धारित करने के लिए मंथन किया था और संविधान रुपी अमृत हमें प्राप्त हुआ।
मुंबई आतंकी हमले को किया याद
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में मुंबई 26/11 आतंकी हमले को याद करते हुए बेहद दुखद दिवस बताया। आज के ही दिन देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज मैं उन बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।
परिवारवाद की राजनीति पर निशाना
परिवारवाद की राजनीति पर तंज कसते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, भारत एक ऐसे संकट की तरफ़ बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां।