गिरफ्तारी के साथ फिर याद आए इंस्पेक्टर जेएन सिंह के पुराने कारनामे
बिगड़ैल, अड़ियल स्वभाव वाला इंस्पेक्टर जगत नारायण जिले में अपने उपनाम से भी चर्चा में रहता था। लोग जगत नारायण को पीठ पीछे नगद नारायण के नाम से बुलाते थे। उसकी गिरफ्तारी के साथ लोगों को को उसके पुराने किस्से भी याद आ रहे हैं। लोगों ने यह भी कहा कि उसकी मनमानियों पर अधिकारियों ने पहले ही ध्यान दिया होता तो आज नौबत यहां तक नहीं आती।
पहले से कुख्यात है जगत नरायण, लोग इसे कहते हैं नगद नारायण
रामगढ़ताल के लहसड़ी के बरबसपुर के रहने वाले 72 वर्षीय अमर सिंह ने आरोप लगाया जगत नारायण की मनमानी से उनके बेटे की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बीते 13 अगस्त को उनके बेटे को एक युवती ने फोन करके बुलाया और वहां उसके स्वजन ने उसे पकड़ लिया। अमर ने थाने पर गुहार लगाई कि उसके बेटे को बचा लिया जाए, नहीं तो युवती के स्वजन उसके पुत्र को मार डालेंगे, लेकिन जगत नारायण ने थाने से पुलिस कर्मियों को नहीं जाने दिया और बाद में उनके बेटे को युवती के स्वजन ने बेरहमी ने पीट दिया। अमर के पुत्र का एक अस्पताल में इलाज चल रहा था।
पुलिस वहां पहुंचकर उनके घायल बेटे को थाने पर उठा लाई। इस दौरान अमर थाने पर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनके बेटे को नहीं जाने दिया। थाने पर कई घंटे रखने के बाद किसी तरह से पुलिस ने उसके बेटे को छोड़ा। वह उसे लेकर इलाज के लिए जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। अमर का कहना है कि उनके बेटे को समय पर उपचार मिला होता तो आज उनका बेटा जिंदा होता।
बांसगांव में भी लगे थे गंभीर आरोप
7 नवंबर 2020 को भी जगत नारायण सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था। पुलिस उसे बीते 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में मौत हो गई। इस मामले में भी पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था। इस मामले को लेकर तत्कालीन चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया था। बाद में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन करके जगत नारायण पर गंभीर आरोप लगाया था
नेपाल भागने की आशंका में बार्डर पर बढ़ाई गई चौकसी
हत्याकांड के आरोपित चार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की कोशिश भी तेज हो गई है। एसआइटी के साथ ही गोरखपुर पुलिस की टीम हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने जीआरपी के अधिकारियों को पत्र लिखने के साथ ही फरार चल रहे एक-एक लाख के इनामी चार पुलिसकर्मियों की फोटो भेजी है। अधिकारियों के निर्देश पर गोरखपुर के साथ ही लखनऊ व प्रयागराज अनुभाग के सभी जीआरपी थाने अलर्ट पर हैं।
पुलिस ने तेज की छापेमारी
मुख्य आरोपित जगत नारायण सिंह, अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद गोरखपुर पुलिस के साथ ही कानपुर एसआइटी ने दारोगा विजय यादव, राहुल दूबे, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव और आरक्षी प्रशांत कुमार को पकड़ने के लिए छापेमारी तेज कर दी है। पुलिस की घेराबंदी तेज होने पर आराेपितों ने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों से संपर्क तोड़ लिया है। शनिवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित ट्रेन से सफर कर रहे हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी डा. विपिन ताडा ने जीआरपी के अधिकारियों को पत्र लिखकर ट्रेन और स्टेशन परिसर में चेकिंग कराने का आग्रह किया है। पुलिस का शिकंजा कसने पर आरोपित कहीं नेपाल न भाग जाए इसको देखते हुए महराजगंज, कुशीनगर और सिद्वार्थनगर जिले से सटे बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है।