24 November, 2024 (Sunday)

क्‍या भारत में कोरोना वैक्‍सीन की तीसरी खुराक लगाने की जरूरत है, जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू

कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए अब दुनिया भर में कोरोना वैक्‍सीन की तीसरी खुराक को लेकर बहस चल रही है। कुछ देशों में तो इसकी शुरुआत भी हो गई है। इजरायल और हंगरी ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी। इजरायली पीएम नेफ्तानली बेनेट भी वैक्‍सीन की तीसरी खुराक ले चुके हैं। इसके बाद कई देश भी इस तरफ विचार कर रहे हैं। भारत में भी इसकी सुगबुगाहट साफतौर पर देखी जा रही है।

भारत की ही बात करें तो दिल्‍ली स्थित एम्‍स के डायरेक्‍टर डाक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने साफ कहा है कि फिलहाल इस बारे में भारत के पास जरूरी आंकड़े नहीं है, जिसके बिनाह पर ये कहा जाए कि ये फायदे का सौदा है या नहीं। आपको बता दें कि कोरोना वैक्‍सीन की तीसरी खुराक को भी बूस्‍टर डोज का ही नाम दिया जा रहा है। ये बूस्‍टर डोज कोरोना वायरस से अधिक समय तक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बताई जा रही है।

डाक्‍टर गुलेरिया का कहना है क‍ि इस बारे में और अधिक शोध करने की जरूरत है। इसके अलावा इस बारे में अधिक जानकारी अगले वर्ष तक ही समाने आ सकेगी। उनके मुताबिक इस संबंध में हो रही रिसर्च के रिजल्‍ट को आने में भी कुछ माह का समय और लगेगा। इससे पता चल सकेगा कि किन लोगों बूस्‍टर शाट की जरूरत होगी। कुछ शोध में ये देखा गया है कि वैक्‍सीन की तीसरी खुराक के बाद शरीर में अधिक मात्रा में एंटीबाडीज का निर्माण हुआ। हालांकि डाक्‍टर गुलेरिया नहीं मानते हैं कि भारत में इस तरह की तीसरी खुराक की फिलहाल कोई जरूरत है। इसके लिए किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए जो आंकड़े चाहिए उसमें कुछ वक्‍त अभी और लगेगा। आंकड़ों से ही तीसरी खुराक का प्रोटेक्‍शन लेवल और एंटीबाडीज लेवल की जानकारी मिल सकेगी। ये बातें उन्‍होंने एक चैनल से हुई बातचीत के दौरान कही हैं।

अमेरिका में 23 सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने फाइजर और मार्डना की कोरोना वैक्‍सीन की तीसरी खुराक के लिए मंजूरी दे दी है। वहां पर इसकी तीसरी डोज उनको ही दी जाएगी जो अधिक खतरनाक स्‍तर पर हैं। राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने सीडीसी के इस फैसले को मील का पत्‍थर बताया है। इसको देने की शुरुआत 20 सितंबर से होगी। बूस्‍टर शाट दूसरी खुराक के आठ माह बाद दी जा सकेगी। ब्रिटेन के नेशनल हेल्‍थ सर्विस ने इसी वर्ष जुलाई में कोरोना वैक्‍सीन की तीसरी डोज लगाने की मंजूरी दे दी थी। इसकी इसके लिए सरकार ने कोविड वैक्‍सीन बूस्‍टर प्रोग्राम प्‍लान किया है। इसकी शुरुआत अगले माह से होगी। इस प्रोग्राम का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि देशवासियों को महामारी के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान की जाए। करना है।

आको बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में डेल्‍टा वायरस के मामले काफी बढ़े हैं। वैक्‍सीन की तीसरी लगाने का फैसला भी इसको देखते हुए ही लिया गया है। हालांकि, वैक्‍सीन की तीसरी या बूस्‍टर खुराक को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन अपनी नाराजगी जता चुका है। संगठन का कहना है कि एक तरफ दुनिया में सभी को वैक्‍सीन की सिंगल खुराक तक नहीं मिल सकी है वहीं कुछ बड़े और अमीर देश अपनी अधिक से अधिक आबादी को इसकी खुराक देने के बाद अब वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज की भी शुरुआत कर रहे हैं। ऐसे में महामारी का खतरा लगातार बना रहेगा।

डब्‍ल्‍यूएचओ बार-बार ये कहता रहा है कि अमीर देश अपने यहां पर मौजूद वैक्‍सीन की अतिरिक्‍त खुराक को गरीब देशों के लिए दान दें, जिससे उन्‍हें भी इस महामारी से सुरक्षित किया जा सके। संगठन का मकसद है कि सितंबर 2021 तक दुनिया की कम से कम दस फीसद आबादी को वैक्‍सीन की खुराक के जरिए सुरक्षा प्रदान कर दी जाए। इजरायल ने कहा है कि वैक्‍सीन की तीसरी खुराक से महामारी की चपेट में आने का खतरा काफी कम हो जाता है।

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