01 November, 2024 (Friday)

आजादी के अमृत महोत्सव व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कृषि भवन भिनगा में आयोजित किया गया ’किसान सम्मान समारोह’। जिले के 18 प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को नवीनतम तकनीकी की दी जानकारी।

श्रावस्ती। आजादी का अमृत महोत्सव एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कृषि भवन, भिनगा में प्रगतिशील किसानों का सम्मान समारोह एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें कृषि एवं कृषि से संबद्ध समस्त विभागों में उत्कृष्ट उत्पादन करने वाले 18 किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे जिला पंचायत सदस्य अमरेश कुमार वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह देश कृषि प्रधान देश है। अधिकांशतः लोगो की कृषि पर आधारित जीविका होती है। उन्होने कहा कि किसानों को समृद्धशाली बनाए जाने के लिए विभिन्न माध्यमो से प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया है। उन्होने कहा कि जरुरत है कि किसान भाई आधुनिक विधि से खेती कर अधिक से अधिक उत्पादन करें, ताकि वह आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके।
जनपद के समस्त किसानों को उप निदेशक कृषि कमल कटियार ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए विभाग में संचालित समस्त योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने फसलोत्पादन की रणनीति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में उर्वरकों की प्रयाप्त मात्रा उपलब्ध है। फसलों के आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु तैयारी पूर्ण कर ली गई है। सहायक निबंधक सहकारी समितियों द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे खरीफ फसलों के उत्पादन में कोई बाधा नहीं उत्पन्न होगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत किसानों को देय सुविधाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषकों को मत्स्य उत्पादन में उठाये जा रहे क्षति पर रू0 1500 प्रतिमाह क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराये जाने की जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० रघुवंशी द्वारा सब्जियों की खेती एवं उद्यानिक फसलों में केले एवं स्ट्राबेरी की खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे कि कृषकों की आय में वृद्धि हो सके। उन्होने धान की खेती के संबंध में सुझाव दिया गया कि पौध रेज्ड बेट पर लगाये जिससे कि स्वस्थ्य पौध प्राप्त हो सके एवं उत्पादन में वृद्धि हो सके साथ ही कृषि विविधीकरण के अन्तर्गत उन्होंने दलहनी एवं तिलहनी फसलों को लगाने हेतु सुझाव दिया। गोष्ठी में उपस्थित जनपद के कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक संदीप श्रीवास्तव द्वारा मल्टीलेयर क्रापिंग के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होने एक परिवार एकड़ फार्मूले के संबंध में विस्तृत जानकारी दी, तथा कृषि विविधीकरण के संबंध में उन्होंने खेती के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन के लिये प्रेरित किया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषकों को फूलों की खेती, लेमन ग्रास की खेती, मल्टीलेयर फार्मिंग तथा पौधो की नर्सरी उत्पादन करने के लिये भी बताया। उन्होने कहा कि कृषक भाई रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करके जैविक खादों का प्रयोग करें जिससे कृषि की लागत में कमी आएगी एवं उपन भी ज्यादा होगी।
उक्त कार्यक्रम के दौरान जिला कृषि अधिकारी अवधेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी जयइन्द्र सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमेश बाबू, सहायक निदेशक मत्स्य सुरेश कुमार, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी भिनगा तथा जनपद के विभिन्न विकासखण्ड से आये अनेक सम्मानित कृषकगण उपस्थित रहे।

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