जयशंकर ने ईरान के नए राष्ट्रपति से की मुलाकात, द्विपक्षीय रिश्तों पर हुई अहम चर्चा, पीएम मोदी का दिया संदेश



ऐसे समय जब ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाने को लेकर बातचीत चल रही है तब भारत ने भी ईरान के साथ अपने रिश्तों को पटरी पर लाने की पहल शुरू कर दी है। बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर तेहरान पहुंचे और ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री जवाद जरीफ से मुलाकात की और द्विपक्षीय रिश्तों पर अहम चर्चा की।
भारत ने ईरान में सत्ता परिवर्तन के बाद विदेश मंत्री को नए राष्ट्रपति से मिलने के लिए भेजा
भारत पहला देश हो गया है जिसने ईरान में सत्ता परिवर्तन के बाद अपने विदेश मंत्री को नए राष्ट्रपति से मिलने के लिए भेजा है। जयशंकर वैसे तो रूस की यात्रा पर हैं और इस बीच उन्होंने तेहरान की कुछ घंटे की यात्रा की। जयशंकर की गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक है।
मास्को जाते समय जयशंकर तेहरान में रुके और नए राष्ट्रपति को दिया मोदी का संदेश
नए राष्ट्रपति रईसी से मुलाकात के बाद जयशंकर ने बताया कि मैंने निर्वाचित राष्ट्रपति रईसी का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरा काफी अच्छा स्वागत किया। मैंने उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत संदेश दिया है। मैं भारत के प्रति उनकी गर्मजोशी की प्रशंसा करता हूं। भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने व क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को प्रगाढ़ करने के प्रति उनके मजबूत प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा करता हूं।
जयशंकर ने की ईरान के विदेश मंत्री जरीफ से मुलाकात
जयशंकर ने बताया है कि उनकी विदेश मंत्री जरीफ से भी मुलाकात हुई। दोनों ने क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की। जयशंकर के अचानक की तेहरान पहुंचने को वहां चल रही तालिबान शांति वार्ता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। दो दिनों से ईरान सरकार के नेतृत्व में तालिबान व अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत चल रही है।
चाबहार पोर्ट के चलते ईरान का सहयोग भारत के लिए ज्यादा जरूरी
अफगानिस्तान में बदल रहे हालात के मद्देनजर ईरान का सहयोग भारत के लिए ज्यादा जरूरी हो गया है। भारत अफगानिस्तान को ईरान के चाबहार पोर्ट से जोड़ने के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। अगर वहां तालिबान सत्ता पर काबिज होता है तो इस योजना में रुकावट आ सकती है।