बुध प्रदोष व्रत को ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 07 जुलाई दिन बुधवार को है। इस दिन त्रयोदशी तिथि है, इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत है। बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाती है। जो लोग व्रत रखते हैं, वे प्रदोष काल में शिव और शक्ति की आराधना करते हैं। प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को संतान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव कृपा से सभी कष्ट और पाप मिट जाते हैं। वैसे भी कल बुधवार है और यह दिन गणपति की आराधना के लिए उत्तम होता है। ऐसे में यदि आप बुध प्रदोष का व्रत रखते हैं या प्रदोष काल में पूजा करते हैं तो आपको शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। इससे आपको पूरे शिव परिवार की कृपा प्राप्त होगी। आइए जानते हैं कि बुध प्रदोष के दिन पूजा की विधि क्या है, जिससे की भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त हो सके।
बुध प्रदोष व्रत एवं पूजा विधि
पूजा के बाद प्रसाद वितरित कर दें। ब्राह्मण के लिए धन-धान्य का दान करें। फिर अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत का पारण करें।
बुध प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन शिव परिवार की पूजा लिए शुभ मुहूर्त शाम को 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक है। इस मध्य में आप बुध प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न कर लें।