किसने दी है यूरोप को चीन से सुरक्षा की गारंटी और किसने कहा ड्रैगन को मिलकर जवाब देने की जरूरत
वाशिंगटन । उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने चीन को एक गंभीर चुनौती बताया है। ब्रसेल्स में नाटो के हैडक्वार्टर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि यूरोप की सुरक्षा उसकी एक अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यूरोप को डरने की जरूरत नहीं है अमेरिका उनके साथ मौजूद है। अमेरिका के रहते यूरोप का कोई कुछ नहीं कर सकता है।
उन्होंने ये भी कहा कि नाटो हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि ये पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस नीति के खिलाफ है जिसमें उन्होंने यूरोप की सुरक्षा की जिम्मेदारी न लेने की बात कही थी। उन्होंने अपने कार्यकाल में साफ कर दिया था कि अमेरिका बिना किसी फायदे को दुनिया का रखवाला नहीं बन सकता है। ट्रंप ने यूरोप को उसकी सुरक्षा से पीछे हटने तक की चेतावनी दे दी थी।
इस मौके पर नाटो के महासचिव जेंस स्टॉटेनबर्ग ने कहा कि चीन लगातार अपनी सैन्य मौजूदगी में इजाफा कर रहा है। उसने बाल्टिक सागर से लेकर अफ्रीका तक अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है। इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि चीन की नीतियों के प्रति नाटो पूरी तरह से सजग और चौकन्ना रहे। उन्होंने कहा कि चीन लगातार अमेरिका के नजदीक आ रहा है।