Lockdown in Delhi ! दिल्ली में लॉकडाउन की उठी मांग, व्यापारियों ने केंद्र सरकार से भी लगाई गुहार
Lockdown Again in Delhi ! राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेकाबू कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए खुद बाजार से संपूर्ण लॉकडाउन की मांग उठने लगी है। इस संबंध में दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर (Rajendra Kapoor, president of Delhi Goods Transport Organization) और चांदनी चौक सर्वव्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव (Sanjay Bhargava, president of Chandni Chowk Sarvaparvikar Mandal) समेत कई व्यापारी नेताओं ने गृह मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार से विचार करने का आग्रह किया है।
लोगों की जान बचाने के लिए लगाया जाए लॉकडाउन
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बेकाबू होने पर कई व्यापारी नेताओं ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के बाद दोबारा वापस पा सकते हैं, लेकिन कोरोना के कारण दम तोड़ रहे लोगों को वापस नहीं लाया जा सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार से भी अपील करते हुए हुए कहा कि ऐसे विकट हालात में कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन जरूरी है।
7-15 दिन तक लगाया जाए लॉकडाउन
इस बीच व्यापारी नेताओं ने दिल्ली में 7 से 15 दिन तक लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है। दिल्ली इलेक्टि्रकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव आशीष ग्रोवर ने कहा कि सरकार लोगों को जागरूक कर रही है, लेकिन कई लोग सरकार के दिशानिर्देशों पर अमल नहीं कर रहे हैं। उसका खामियाजा पूरी दिल्ली को भुगतना पड़ रहा है। बाजार की यह ¨चता हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के कारण कई व्यापारियों के निधन से बढ़ी है।
विमान यात्रा रोकें, जरूरी टेस्ट करें
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने केंद्र सरकार से विमान यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है। चूंकि, हवाई सफर के लिए कोरोना वायरस का टेस्ट जरूरी है। ऐसे में लोग उसके लिए टेस्ट करा रहे हैं। इस कारण जरूरी लोगों के टेस्ट में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बता दें कि दिल्ली में 24 घंटे के दौरान बुधवार को 17,000 से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आए हैं और 100 से अधिक लोगों की जान चली गई।
पिछले दिनों कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) की ओर से नौ अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच कराए गए ऑनलाइन सर्वे में व्यापारियों ने रात्रि कर्फ्यू और लॉकडाउन को व्यापार के लिए एक बड़ी विपरीत परिस्थिति मानते हुए कहा था कि इनके स्थान पर सरकार अन्य कोई प्रभावी रास्ता अपनाएं जिससे न केवल संक्रमण पर काबू पाया जा सके बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था भी चलती रहे।
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया था कि सर्वे में 83.60 फीसद लोगों ने माना है कि लॉकडाउन से व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। वहीं, एक अन्य सवाल के उत्तर में 77.80 फीसद लोगों ने कहा कि बाजारों, सरकारी व अन्य कार्यालयों के समय में परिवर्तन कर कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है।