पुंछ में एलओसी पर भारत और पाक के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बैठक, जानें किन मुद्दों पर हुई बात
भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने शुक्रवार को पुंछ-रावलकोट चौराहे (Poonch-Rawalkot Crossing) पर एक ब्रिगेडियर स्तर (Brigadier level Meeting) की बैठक की। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम को लेकर बीते दिनों हुए समझौते का पालन कराने को लेकर आयोजित की गई यह एक फॉलोअप बैठक थी। सेना ने ट्वीट कर बताया कि 26 मार्च को पुंछ-रावलकोट क्रॉसिंग पॉइंट पर भारतीय और पाकिस्तान सेना के बीच एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई।
नियंत्रण रेखा के पास बसे लोगों की सुरक्षा पर चर्चा
ब्रिगेडियर स्तर की इस बैठक में संघर्ष विराम के मसले पर दोनों देशों के बीच बनी सहमति पर लगातार कायम रहने को लेकर बात हुई है। बैठक अच्छे माहौल में हुई है। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने एक-दूसरे को उपहार भेंट किए। दोनों देशों के बीच पुंछ में नियंत्रण रेखा पर चक्का द बाग में हुई यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण रही है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक का सबसे अहम मुद्दा नियंत्रण रेखा के पास बसे लोगों की सुरक्षा का रहा।
सहन नहीं की जाएगी घुसपैठ
बातचीत में कहा गया कि नियंत्रण रेखा के नजदीक के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोग या उनके मवेशी कभी-कभार नियंत्रण रेखा के बिल्कुल पास पहुंच जाते हैं। इस पर नियंत्रण रखा जाए। बिना कारण गोलाबारी नहीं की जाए। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को यह भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ सहन नहीं की जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
संघर्ष विराम पर बनी थी सहमति
मालूम हो कि पिछले महीने भारत और पाकिस्तान एलओसी समेत सीमा के दूसरे सेक्टरों पर लंबे समय से जारी संघर्ष विराम उल्लंघन का दौर रोकने पर सहमत हुए थे। दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) की बातचीत में सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन रोकने को लेकर यह सहमति बनी थी। भारत और पाकिस्तान दोनों की ओर से जारी संयुक्त बयान में संघर्ष विराम समझौतों का कड़ाई से अनुपालन कराने की बात कही गई थी। यह सहमति 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से लागू है।
सीमा पर सतर्कता में नहीं आएगी कमी
हालांकि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने यह भी कहा था कि भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर समझौता हो गया हो लेकिन आतंकवाद और घुसपैठ से लड़ने के लिए पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों की तैनाती या सैन्य अभियानों में कमी नहीं की जाएगी। संघर्ष विराम का यह मतलब नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान धीमा हो जाएगा या सीमा पर सतर्कता में किसी भी प्रकार की कमी आएगी। सैन्य बल घुसपैठ रोधी और आतंकवाद रोधी अभियान जारी रखेंगे।
पहली बार सीमा पर एकदम शांति
भारत पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की इस बैठक से एक दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मार्च के महीने में एक भी गोली नहीं चली है। करीब पांच-छह वर्षों में पहली बार सीमा पर एकदम शांति रही है। हालांकि सेना प्रमुख ने गुरुवार को यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ आतंकियों के लांच पैड समेत समूचा आतंकी ढांचा अभी भी जस का तस है।