Bharat Band in UP: मेरठ समेत आसपास के जिलों में भाकियू का चक्का जाम, लोग रहे परेशान, तस्वीरों में देखें अपने शहर का हाल
कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद आहवान पर भारतीय किसान यूनियन ने मेरठ में 6 प्रमुख स्थानों पर चक्का जाम कर दिया है। इसमें परतापुर, दौराला, मवाना, दबथुवा, जानी जंगेठी शामिल है। इस संबंध में जिले में गुरुवार को कई स्थानों पर बैठक करते हुए रणनीति तैयार की गई थी। वहीं आसपास के जिलों में भी भारत बंद का असर देखा गया। बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर, शामली, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर जिलों में किसान शहर के मुख्य सड़कों पर बैठे हुए नजर आए। इससे सभी जिलों में भारी जाम लग गया। मेरठ समेत कई जिलों में चक्का जाम समाप्त कर दिया गया है जबकि कई जिलों में अभी भी चक्का जाम का जारी है। जो आज शाम चार बजे तक चलेगा। भारी पुलिस बल भी तैनात की गई है। आइए तस्वीरों के माध्यम से देखते हैं इन शहरो व जिलों में चक्का जाम का क्या है असर..
मेरठ: भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि मेरठ-करनावल हाइवे पर दबथुवा व जंगेठी, मेरठ-पौड़ी मार्ग पर मवाना, दिल्ली-दून राजमार्ग पर दौराला व परतापुर और मेरठ-बागपत मार्ग पर जानी में चक्का जाम किया गया है। चक्का जाम के साथ सभी स्थानों पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। इस दौरान वाहन सवार परेशान रहे। खासकर बच्चों के साथ महिलाएं व बुजुर्गों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा।
भाकियू पदाधिकारियों ने संभाली चक्का जाम की कमान
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि मेरठ-करनाल हाइवे पर दो जगह चक्का जाम रहेगा। दबथुवा में रामबोस व वीरपाल और जंगेठी में सत्यवीर जंगेठी के नेतृत्व में चक्का जाम किया। वहीं, मवाना में मंडल महामंत्री नरेश, परतापुर में दीपक घोपला व मदन घोपला मेहराज सिंह, जानी में हरेंद्र और दौराला में संजय को संगठन की ओर से चक्का जाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुबह 11 बजे से आवाजाही बंद कर दी गई। वहीं, वाहन सवार वैकल्पिक मार्गों की तलाश में इधर उधर परेशान रहे। शुक्रवार को गाजीपुर बार्डर पर मेरठ के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी, रविंद्र दौरालिया, राजकुमार करनावल, बबलू जटौली, विनेश प्रधान, अशफाक प्रधान, निशांत त्यागी व मोहित तालियान आदि ने चक्का जाम किया।
बिजनौरः भाकियू के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर बैराज, समेत 11स्थानों पर जाम लगया। जाम की वजह से बैराज पर दोनो ओर वाहनों की कई-कई किलोमीटर लंबी लाइनें लग गई। आंदोलित किसानों का कहना था कि किसान पिछले चार माह से कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे है, किन्तु सरकार ने इन कानूनो को अभी तक वापस नही लिया।
शामली: भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार 11:00 बजे तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर गुरुद्वारा तिराहे पर चक्का जाम कर दिया। दोनों और ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर आवागमन बुरी तरीके से रोक दिया गया। हालांकि एक मरीज को लेकर आई एंबुलेंस को रास्ता भी दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के नगर अध्यक्ष योगेंद्र कुमार ने कहा कि 4 महीने होने को है, लेकिन किसान आज भी सड़कों पर है। सैकड़ों की संख्या में किसानों की शहादत हो चुकी है। भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि तीनों कानून वापस होने तक किसान आंदोलन करते रहेंगे। चक्का जाम स्थल पर एसडीम शामली संदीप कुमार और शिव शामली प्रदीप कुमार भी पहुंचे।
सहारनपुर: किसान आंदोलन के समर्थन में भाकियू के बैनर तले बस स्टैंड नकुड़-सहारनपुर-सरसावा मार्ग पर पर धरने पर बैठे रहे। सीओ अरविंद पुंडीर, कोतवाल केपी सिंह नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रही। हालाकि कुछ देर बाद ही यहां पर धरना समाप्त कर दिया गया और वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया।
मुजफ्फरनगर: जनपद में भाकियू के आवाहन पर बुलाए गए चक्का जाम को लेकर कई मुख्य मार्ग पर किसान धरने पर बैठे रहे। जिससे शहर में भारी जाम लगा रहा। साथ ही जाम होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं कई लोगों ने तो जाम से बचने के लिए वैकल्पिक रास्ता भी अपनाया। इससे छोटे शहरों में भी जाम की स्थिति पैदा हो गई।