24 November, 2024 (Sunday)

जलवायु परिवर्तन: केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने कहा- पेरिस समझौते पर अमल करने में आगे है भारत

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत जी-20 समूह का एकमात्र देश है, जो पौधारोपण और नवीकरणीय ऊर्जा पर पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं का क्रियान्वयन कर रहा है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पिछले छह साल में वन क्षेत्र में 15,000 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है।

जावडेकर ने कहा- केंद्र सरकार का वन क्षेत्र बढ़ाने पर जोर

उन्होंने कहा कि इसकी गति और तेज होने की संभावना है, क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछले साल 48,000 करोड़ रुपये राज्यों को दिए और निर्देश दिया कि 80 फीसद धनराशि का उपयोग वन क्षेत्र बढ़ाने पर किया जाना चाहिए।

भारत जी-20 समूह का एकमात्र देश है, जो पौधारोपण पर प्रतिबद्धताओं का कर रहा क्रियान्वयन

उन्होंने कहा, भारत जी-20 समूह का एकमात्र देश है, जो तय की गई राष्ट्रीय भूमिकाओं के मद्देनजर पेरिस समझौते का क्रियान्वयन कर रहा है। वह चाहे नवीकरणीय ऊर्जा हो या कार्बन उत्सर्जन या फिर वन क्षेत्र का निर्माण करना। इन तीनों प्रतिबद्धताओं के लिहाज से हम अन्य राष्ट्रों की तुलना में कहीं आगे हैं।

वन क्षेत्र में वृद्धि हो, इसके लिए हरित, बागवानी कार्यक्रम, पौधारोपण जैसे कई कदम उठाए

जावडेकर ने कहा कि हरित भारत और बागवानी कार्यक्रमों के अलावा पौधारोपण के लिए केंद्र व राज्य के स्तर पर भारत ने कई कदम उठाए हैं, ताकि देश के वन क्षेत्र में वृद्धि को और मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मानसून की बारिश में बदलावों को लेकर 29 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में दक्षिण-पश्चिमी मानसून सत्र के दौरान 30 वर्षो (1989-2018) के उपलब्ध आंकड़ों की समीक्षा की है। 1901 से 2019 के बीच ग्रीष्मकालीन मानसून कमोबेश स्थिर रहा है, हालांकि पिछले कुछ दशकों में यह कमजोर पड़ता गया है।

जावडेकर ने कहा- सभी परिवर्तनों को जलवायु परिवर्तन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए

उन्होंने कहा, मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, मेघालय और नगालैंड में 30 वर्षो (1989-2018) में दक्षिण-पश्चिमी मानसून में खासी गिरावट का चलन देखा गया है। उन्होंने कहा, हालांकि सभी परिवर्तनों को जलवायु परिवर्तन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

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