Schools Reopen: कोरोना वायरस के डर पर हावी रही दोस्तों से मिलने की खुशी, जानिए कैसा रहा स्कूलों में पहला दिन
अरे यार, तू तो पहले से बड़ा लग रहा है। तेरा रंग भी तो पहले से कितना साफ हो गया। तुुझे पता है, घर पर रहकर तू भी पहले से तंदरुस्त हो गया है। बुधवार को 11 महीनों बाद जब स्कूल खुले, तो पुराने साथियों को देखकर विद्यार्थी कुछ इसी तरह के बात करते दिखे।
सभी दोस्तों को स्कूल में देखकर विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना न रहा। वह समय से पहले स्कूल पहुंचे और बाहर ही दोस्तों को गले लगाकर स्कूल खुलने की बधाइयां दीं। गपशप की और उसके बाद स्कूल में प्रवेश किया, क्योंकि सभी को पता था कि स्कूल के अंदर मास्क भी पहनना होगा और शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन करना होगा, इसलिए स्कूल में प्रवेश से पहले सभी कोरोना संक्रमण और नियमों से बेफ्रिक हो एक दूसरे से मिलते, बातें करते और पुरानी यादें सहेजते नजर आए। तमाम विद्यार्थी घर से ही मुंह पर मास्क और कोरोना संक्रमण से बचाव की अन्य सावधानियां बरतते हुए पहुंचें, जबकि कुछ विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुलना घर की पाबंदियों से आजादी थी, जिसका लुत्फ उन्होंने भरपूर उठाया। इसलिए न मास्क लगाया, न ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद मिला प्रवेश
अधिकतर पब्लिक स्कूल में कक्षा छठवीं से आठवीं तक की कक्षाएं बुधवार से शुरू हो गई। वहां पर स्कूल गेट पर ही विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और हाथ व बैग सैनिटाइज कराने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया। सभी को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रवेश दिया। स्कूल वाहन न चलने के लिए अभिभावकों को ही विद्यार्थियों को छोडऩे और लेने जाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ी। हालांकि पहले दिन पढ़ाई तो ज्यादा नहीं हुई और तीन घंटे सावधानी, औपचारिकताओं और एक-दूसरे का हाल जानने में ही बीता।
कई स्कूलों में लगी अनुमति देने की लाइन
हालांकि कुछ स्कूलों में बुधवार से कक्षाएं शुरू हो गई, जबकि कुछ स्कूलों में इन्हें 15 फरवरी तक शुरू करने की तैयारी है। वहीं कुछ स्कूलों ने पहले दिन सिर्फ अभिभावकों से अनुमति-पत्र लेने की प्रक्रिया ही पूरी की। इस कारण उनके यहां अभिभावक बच्चों को लेकर भी पहुंचें, लेकिन उन्हें अनुमति-पत्र लेने के बाद वापस भेज दिया गया।
बच्चों का हुआ स्वागत
सिकंदरा स्थित होली पब्लिक स्कूल समेत 11 महीने बाद स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों का स्वागत तालियां बजाकर और माथे पर तिलक करके किया गया। स्वागत की जिम्मेदारी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने निभाई। स्कूल में ऐसे वेलकम पाकर विद्यार्थी भी बेहद उत्साहित थे और उन्होंने शिक्षकों को भी उतना ही सम्मान दिया।
बच्चों को बुलाने में बीता दिन
वहीं उच्च प्राथमिक परिषदीय स्कूलों में पहले दिन औपचारिकताओं में ही बीता। कुछ स्कूलों में ही विद्यार्थी पहुंचें, लेकिन पहला दिन साफ-सफाई और मिड-डे-मील की व्यवस्थाएं बनाने में ही बीता। कई स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी विद्यार्थियों को बुलाने में भी गए, लेकिन काफी इंतजार के बाद इक्का-दुक्का विद्यार्थी ही पढ़ने के लिए पहुंचें।