अपना घर बनाने को बिगाड़ रहे दूसरों की सेहत
एटा। सब्जियों की पैदावार बढ़ाने और अधिक पैसा कमाने की चाहत में खुलेआम स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। अपनी फसल को दूसरों की अपेक्षा जल्दी तैयार कर बाजार में बेचने के फेर में उत्पादकों द्वारा उर्वरक एवं कीटनाशकों का बेतहाशा प्रयोग करने से सब्जियां स्वास्थ्य को बनाने के बजाए बिगाड़ रही हैं। इनमें स्वाद और पौष्टिकता भी गायब हो रही है।
बैंगन, गोभी, भिंडी आदि सब्जियों में उत्पाद बढ़ाने एवं रोग मुक्त करने के लिये तमाम रासायनिक कीट नाशक दवाओं का प्रयोग हो रहा है। ऐसे कीटनाशकों के छिड़काव के बाद सब्जियों को कम से कम 15 दिन बाद खेतों से तोड़कर पानी से अच्छी तरह धोकर ही बाजार में लाना चाहिये। अधिकांश सब्जी उत्पादक ऐसा नहीं करते। तोरई, लौकी और काशीफल आदि सब्जियों में प्रतिबंधित इंजेक्शनों का भी प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिससे सब्जियों में मौजूद कीटनाशकों का अंश भोजन के साथ पेट में चला जाता है, जिससे तमाम तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है।
डाक्टरों का कहना है कि सब्जियों में कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से सब्जियां जहरीली हो सकती हैं। जिनके सेवन से चर्म रोग, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, मानसिक संतुलन बिगडऩा दिमागी दौरे मासंपेशियों में अकडऩ आदि के अलावा सबसे ज्यादा असर शरीर के अन्दर रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। उन्होंने सलाह दी है कि सब्जियां देखभाल कर ही खरीदें और इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से धो लें।