29 April, 2024 (Monday)

हरियाणा में नायब सैनी कैबिनेट का विस्तार, अनिल विज को नहीं मिली जगह

चंडीगढ़. हरियाणा में नायब सैनी कैबिनेट (Nayab Saini Cabinet) का विस्तार हुआ है. नायब सैनी कैबिनेट का यह पहला विस्तार है. अहम बात है कि अनिल विज को मंत्री नहीं बनाया गया है. हरियाणा में मंत्रिमंडल में कमल गुप्ता को मंत्री बनाया गया है. कमल गुप्ता ने संस्कृत में पद और गोपनीयता की शपथ ली. मंगलवार शाम साढ़े चार बजे शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ. सीएम नायब सैनी, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय समारोह में पहुंचे और उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

सबसे पहले, डॉ. कमल गुप्ता हिसार से दूसरी बार लगातार विधायक बने हैं. वह मनोहर लाल सरकार में भी मंत्री थे. वैश्य समुदाय से आते हैं और पेशे से डॉक्टर हैं. सीमा त्रिखा को मंत्री बनाया गया है. उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. सीमा बड़खल विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक हैं. सीमा त्रिखा खुद ब्राह्मण परिवार से है, लेकिन शादी पंजाबी परिवार में हुई है. वह मनोहर पार्ट-1 सरकार में सीपीएस भी रह चुकी हैं.

तीसरे नंबर पर महिपाल ढांडा ने मंत्रीपद की शपथ ली. ढांडा पानीपत ग्रामीण से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश के अध्यक्ष रह चुके हैं. एबीवीपी में भी लंबे समय तक काम करते हुए छात्र नेता रहे. जाट समाज का प्रमुख चेहरा ढांडा रहे हैं. 2019 में जब सभी बड़े जाट नेता और मंत्री चुनाव हार गए थे. तब दोबारा जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

आईएएस से मंत्री पद तक का सफर

इसके बाद, अंबाला शहस से विधायक असीम गोयल ने मंत्रीपद की शपथ ली और उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ दिलाई गई है. न्यूज़ 18 ने पहले ही बता दिया था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा. सैनी सरकार में चौथे मंत्री के तौर पर डॉ. अभय सिंह यादव ने भी शपथ ली है. उन्हें राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है.  डॉ. अभय यादव नांगल चौधरी से दूसरी बार विधायक बने हैं. 2014 में आईएएस से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव चुनाव लड़ा था. वह पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं.

कैबिनेट में शामिल किया दलित चेहरा

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के थानेसर विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बने सुभाष सुधा को भी सैनी कैबिनेट में जगह दी गई है.  उन्हें स्वतंत्र प्रभार के तहत मंत्री बनाया गया है. सुधा ने साल 2014 में उन्होंने बीजेपी पार्टी ज्वाइन की थी और विधायक बने. इससे पहले, कांग्रेस पार्टी में थे. साल 2003 से पहले इनेलो में रहे हैं. 2009 का विधानसभा चुनाव बतौर निर्दलीय लड़ा था. पंजाबी समुदाय से आते हैं. इसी तरह, विशंभर वाल्मीकि को मंत्री बनाया गया है और स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है. वह बवानी खेड़ा विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. कैबिनेट में बतौर दलित चेहरा शामिल किए गए हैं. बहुत ही गरीब परिवार से उठकर यहां तक पहुंचे हैं.

क्या बोले अनिल विज

मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मंगलवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे अनिल विज ने कहा था कि उन्हें कैबिनेट विस्तार की जानकारी नहीं है. वह विधानसभा की कमेटियों के गठन को लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे और स्पीकर से मुलाकात की थी

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