महामारी के दौरान बन्द विद्यालयों में धीरे-धीरे लौटने लगी रौनक
लालगंज रायबरेली। कोविड -19 महामारी के दौरान सात महीनों से बन्द विद्यालयों में रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है। हालांकि अभी सिर्फ 9 से 12 तक विद्यालयों को खोलने की अनुमति कड़े नियम और शर्तों पर दी गयी है। सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर इण्टर कालेज की व्यवस्था व कक्षाओं का निरीक्षण प्रबन्ध समिति ने किया।बालिकाओं के लिये कस्बे का एक मात्र सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर इण्टर कालेज की व्यवस्था व कक्षाओं का निरीक्षण बुधवार को नवनियुक्त प्रबन्धक रमाशंकर वाजपेयी ने सदस्यों के साथ किया। जानकारी हो कि वैश्विक महामारी कोरोना से विद्यालय के प्रबन्धक डा. शम्भू दयाल वर्मा का निधन हो गया था। उनके निधन से प्रबन्धक की सीट रिक्त हो गयी थी। बाल कल्याण समिति और प्रान्तीय अधिकारियों ने रिक्त स्थान पर सरस्वती शिशु मन्दिर के प्रबन्धक रमाशंकर वाजपेयी को अतिरिक्त प्रभार दिया है। नवनियुक्त प्रबन्धक रमाशंकर वाजपेयी ने विद्यालय का निरीक्षण करते हुये कहा कि कोविड की भयावहता को देखते हुये विद्यालय प्रबन्धन द्वारा सभी एहतियातन कदम उठाये जा रहे हैं। छात्राओं के स्वास्थ्य का परीक्षण प्रतिदिन किया जा रहा है। विद्यालय में कक्षाओं में जाने से पूर्व उनका शारीरिक तापमान, हैण्डवाश व सेनेटाइजर करवाया जा रहा है। सभी छात्रायें अपना पानी और हैण्ड सेनेटाइजर साथ ला रही हैं। कक्षाओं में शारीरिक दूरी का पालन करते हुये सभी छात्राओं की सीट आरक्षित कर दी गयी है। विद्यालय की प्रधानाचार्या मधू शर्मा ने बताया कि अभिभावकों की लिखित अनुमति पर ही छात्रायें विद्यालय में उपस्थित हो रही हैं व उनके स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जा रहा है। शिक्षण कार्य दो पालियों में कराया जा रहा है। प्रबन्ध समिति सदस्य राघवेन्द्र सूर्यवंशी ने सुझाव दिया कि छात्राओं को कोविड-19 की भयावहता से स्वतः जागरूक किया जाये और उनको जानकारी दी जाये कि यदि परिवार के किसी सदस्य में कोरोना वायरस के लक्षण प्रतीत होते हैं तो वह कतई विद्यालय ना आये घर में रहकर कोविड-19 नियमों का पालन करे। इस मौके पर विद्यालय के प्रबन्धक रमाशंकर वाजयेपी, प्रधानाचार्या मधू शर्मा, प्रबन्ध समिति सदस्य राघवेन्द्र सूर्यवंशी आचार्या रीना वाजपेयी, लक्ष्मी शुक्ला, माया अवस्थी, ममता सिंह, नेहा सोनी, निशा सिंह, दिव्या पाण्डेय, साक्षी, दीपिका, श्वेता तिवारी, रोली मिश्रा, पुष्पा, नीरज वाजपेयी, संजीव शुक्ला, प्रदीप वाजपेयी, आनन्द मिश्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।