सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान



कन्नौज। जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसेरन में सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया गया, जहाँ पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच हुई और सही खानपान के बारे में जरूरी टिप्स दिए गए । इस मौके पर गर्भवती को स्वल्पाहार भी प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक पहल है, इसमें हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की प्रसव पूर्व जरूरी जाँच की जाती है। इसके जरिये पता लगाया जाता है कि कहीं कोई गर्भवती उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में तो नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसेरन के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.जगदीश निर्मल ने बताया की यहाँ 97 गर्भवती का परीक्षण किया गया। इसमें से 22 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था की मिली। जो महिलाएं एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) चिन्हित हुई है, प्रसव होने तक उनको विशेष निरीक्षण में रखा जाएगा तथा वह संस्थागत प्रसव ही कराएं। इसके लिए उनके परिवार को समझाया जाएगा।
सामुदायिक केन्द्र हसेरन में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. आरती सिंह ने बताया कि अगर किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की जरूरत है। वहीं कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपरटेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं। इसे प्री एक्लेम्शिया कहते हैं। यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। वहीं कई बार प्रसव के बाद भी महिलाओं को झटके आने लगते हैं। एक्लेम्शिया का पूरी तरह से इलाज किया जाना चाहिए। हसेरन की रहने वाली गर्भवती अर्चना उम्र 26 वर्ष कहती है कि अस्पताल में सभी जांचे हुईं, खाने के लिए आयरन की गोलियां दी गयी | साथ ही प्रसव के लिए अस्पताल आने के लिए कहा अब मैं अपना प्रसव अस्पताल में कराकर परिवार नियोजन का साधन भी अपनाउंगी।
क्या है उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है जिसमें माँ या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है, किसी भी गर्भावस्था में जहाँ जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है, इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित डॉक्टर्स की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है।