वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं करें यह काम
ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री व्रत करने का विधान है. साल 2024 में यह व्रत 6 जून को गुरुवार के दिन होगा. वट सावित्री व्रत करने से जहां पति की उम्र लंबी होती है. वहीं इस व्रत को नियमानुसार और पूरे विधि विधान से करने पर संतान की प्राप्ति भी होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री व्रत करने पर सुहागिनों के पति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है, उनकी वह मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार वट सावित्री व्रत पर यदि महिलाएं सूर्य उदय से पहले गंगा स्नान करें और गंगा घाट पर ध्यान, पूजा पाठ करें तो उन्हें वट सावित्री व्रत का कई गुना फल प्राप्त होता है. शास्त्रों के जानकारों के अनुसार यदि ज्येष्ठ अमावस्या को सूर्य उदय से पहले महिलाएं हरिद्वार हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करके ध्यान, मंत्रो का जाप और पूजा पाठ करें तो पति-पत्नी का संबंध भी अटूट हो जाता है.
वट सावित्री व्रत पर हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने से और क्या लाभ होता है इसकी जानकारी के लिए हम शास्त्रों के जानकार पंडित श्रीधर शास्त्री के पास पहुंचे. उन्होंने बताया कि वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को रखा जाता है. साल 2024 में ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून 2024 को होगी. इस दिन यदि महिलाएं सूर्य उदय से पहले हर की पौड़ी जाकर गंगा स्नान करें और घाट पर बैठकर ही ध्यान और पूजा पाठ करें, तो उन्हें वट सावित्री व्रत का कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा.
हिंदू धर्म में हरिद्वार हर की पौड़ी का विशेष महत्व है. मां गंगा का गोमुख से पहाड़ों के बीच से होते हुए हरिद्वार में सबसे पहले आगमन होता है. हरिद्वार हर की पौड़ी पर भगवान ब्रह्मा की तपस्थली और अमृत की बारिश होने के कारण यहां पर किसी भी धर्म कर्म का कार्य करने से पहले गंगा स्नान किया जाए तो उसका व्यक्ति को कई गुना फल प्राप्त होता है. ऐसे में वट सावित्री व्रत पर गंगा स्नान करने और ध्यान आदि करने से सुहागिनों के पति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और उनकी आयु लंबी होने के साथ पति-पत्नी का संबंध भी अटूट हो जाता है. साथ ही उन्हें शीघ्र ही संतान की प्राप्ति हो जाती है.