लखनऊ : जहरीली शराब कांड में जिला आबकारी अधिकारी हटाए गए, निरीक्षक निलंबित
राजधानी स्थित बंथरा में जहरीली शराब कांड में शासन ने मंगलवार देर रात बड़ी कार्यवाही करते हुए जिला आबकारी अधिकारी को हटा दिया। वही, आबकारी निरीक्षक आलोक पांडेय को निलंबित कर दिया गया। छानबीन में सामने आया है कि विभाग की ओर से नौ से 13 नवंबर के बीच स्टॉक का सत्यापन नहीं किया गया था। यही नहीं स्टॉक में अनियमितता भी मिली है। जिला आबकारी अधिकारी सुदर्शन सिंह को प्रयागराज से संबद्ध किया गया है।
उधर, शिथिल पर्यवेक्षण के आरोप में पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने मंगलवार रात इंस्पेक्टर बंथरा रमेश सिंह रावत समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस आयुक्त ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि आरोपित कोटेदार ननकऊ 1996 से सरकारी राशन की दुकान चला रहा है। आरोपित के यहां से सरकारी ब्रांड की शराब मिली है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लोगों की मौत कौन सी शराब पीने से हुई थी। पुलिस शुक्रवार को रसूलपुर और लतीफ नगर गांव में डुगडुगी बजाकर 20 लोगों को जांच के लिए अपने साथ अस्पताल लेकर गई थी। इन सभी लोगों की हालत में सुधार है।
पुलिस आयुक्त का कहना है कि इंस्पेक्टर बंथरा रमेश सिंह रावत, दारोगा गोपी श्याम और मुख्य आरक्षी प्रभा शंकर प्रजापति की प्रारंभिक जांच में पर्यवेक्षण में लापरवाही सामने आई है, जिसके आधार पर तीनों को निलंबित कर दिया गया है।
उधार में शराब बेचता था कोटेदार
आरोपित कोटेदार लोगों को उधार में शराब बेचता था। इसके बाद राशन न देकर रुपये काट लेता था। यही नहीं आरोपित लोगों का राशन भी बेच देता था। आरोपित के राशन की दुकान से बड़ी संख्या में शराब की बोतलें मिली हैं। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग के निरीक्षक को इस बात की जानकारी भी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की थी। ये है मामला गौरतलब है कि जहरीली शराब पीने से बंथरा में छह लोगों की मौत हो गई थी। रसूलपुर और लतीफनगर गांव निवासी सुंदरलाल, मोहम्मद अक्षय तथा राजकुमार ने गुरुवार देर शाम में शराब खरीद कर पी थी। इसके बाद तीनों की मौत हो गई थी। वहीं अस्पताल में भर्ती तीन अन्य ने रविवार और सोमवार को दम तोड़ दिया था। पुलिस ने कोटेदार नन्हकऊ व देशी शराब की दुकान के सेल्समैन को गिरफ्तार कर लिया था।