योगी के कामकाज पर जनता ने लगाई मुहर
उपचुनाव में सात में से छह सीटों पर भाजपा जीती, 2017 से हर चुनाव में मात खा रहा विपक्ष
सूबे की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज पर मुहर लगा दिया है। उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संभाल रखी थी, उन्होंने खुद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रैलियां कीं और जनता को प्रदेश में साढ़े तीन सालों में जनहित में किए गए कार्यों को बताया। विपक्षी दल उपचुनाव को योगी सरकार के कामकाज को आंकलन के तौर पर प्रचारित कर रहे थे, लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि योगी सरकार जनता के आंकलन पर खरी उतरी है।
उपचुनाव को 2022 का सेमीफाइनल माना जा रहा था। परिणाम के अनुसार सात में से छह सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। उपचुनाव के परिणाम योगी सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर और विपक्ष की कमजोर होती पकड़ दिखा रहे हैं। विपक्ष को 2017 के बाद से हुए सभी चुनावों में मात खानी पड़ी है। हाल ही में राज्यसभा चुनाव, इससे पूर्व पिछले साल लोकसभा चुनाव और 11 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष को चारों खाने चित होना पड़ा था।
मुद्दों के बजाय साजिश की राजनीति कर रहा विपक्ष
सूबे में पिछले साढ़े तीन सालों में विपक्ष जनता के मुद्दों को उठाने के बजाय साजिश की राजनीति कर रही है। योगी सरकार के कार्यकाल में विपक्ष जनहित का एक भी मुद्दा नहीं उठा पाया। इसलिए यह कहने में फिलहाल कोई गुरेज नहीं है कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में नाकाम साबित हो रहा है। कई खबरें मीडिया की सुर्खियां तो बनीं, लेकिन जब उनकी गहराई से पड़ताल हुई, तो सपा और कांग्रेस की साजिश खुलकर सामने आ गई।
पारिवारिक कलह से उबर नहीं पा रही सपा
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव की राहें जुदा होने के बावजूद पारिवारिक कलह रह-रह कर सामने आ जाती है। कई बार परिवार के कई लोगों के बयान ही पार्टी को असहज स्थिति में खड़ा कर देते हैं।
धरातल से गायब कांग्रेस
सूबे में कांग्रेस धरातल से गायब है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पुरजोर कोशिश के बाद पार्टी सात फीसदी वोट प्रतिशत से ऊपर नहीं उठ पा रही है। उपचुनाव में इससे ज्यादा मत निर्दलियों ने पाए हैं।