मुजफ्फरपुर से मुजफ्फराबाद को संदेश… मोदी-शाह के PoK प्लान से सिहर उठेगा पाकितान!
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुजफ्फरपुर से अप्रत्यक्ष तौर पर इस्लामाबाद को संदेश दिया और कहा कि अगर पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं तो भारत पहना देगा. पीओके और उसकी राजधानी मुजफ्फराबाद में जिस तरह से बीते कुछ दिनों से हालात बदतर होते जा रहे हैं, उस लिहाज से पीएम मोदी का यह बयान काफी मायने रखता है. पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके बीते कुछ दिनों से उबल रहा है. पाकिस्तान से पीओके संभल नहीं रहा है और वहां की आवाम परेशान है. यही वजह है कि पीओके में बीते कुछ दिनों से गुस्साई आवाम महंगाई, बढ़ते बिजली बिलों और टैक्स के खिलाफ सड़क पर उतरी है और राजधानी मुजफ्फराबाद में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही. ऐसे में पीएम मोदी का पाकिस्तान को चूड़ियां पहनाने वाला बयान और अमित शाह-राजनाथ सिंह के पीओके वाले बयान भारत के अगले प्लान की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसे जानकर पाकिस्तान भी सिहर उठेगा.
दरअसल, भारत शुरू से दावा करता रहा है कि पीओके भारत का हिस्सा है और उसे वापस लेकर रहेगा. मोदी सरकार के जितने भी टॉप मिनिस्टर्स हैं, चाहे वो अमित शाह हों या राजनाथ सिंह, लगातार पीओके पर अपना दावा कर रहे हैं और मुजफ्फराबाद की आवाम को अपने बयान से संदेश दे रहे हैं. उनका दावा है कि पीओके को जबरन हासिल करने की जरूरत नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से खुशहाली लौटी है, उसे देखकर खुद पीओके की आवाम खुद भारत में शामिल होने की मांग करने लगेगी. हालांकि, अह इसकी बानगी भी दिखने लगी है. पीओके में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है. पीओके में अब लगातार भारत में शामिल होने की मांग उठ रही है. ऐसे में पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर का बयान काफी अहम है.
मुजफ्फरपुर की रैली में पीएम मोदी ने क्या कहा?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के हालिया बयान की ओर इशारा करते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर में पीएम मोदी ने एक जनसभा में कहा, ‘ये ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के कैसे बयान आ रहे हैं. ये लोग इतने डरे हुए हैं कि इनको रात में सपने में भी पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई देता है. कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं. अरे भाई, हम पहना देंगे. उनको आटा भी चाहिए, बिजली भी नहीं है. अब हमको मालूम नहीं था कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं हैं.’ यहां बताना जरूरी है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के इस दावे के जवाब में टिप्पणी की थी कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं.
पीओके पर अमित शाह का क्या प्लान?
अमित शाह लगातार कहते रहे हैं पीओके भारत का हिस्सा है और भारत वापस लेकर रहेगा. उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने रविवार को कहा कि कांग्रेस चाहती है कि हम पाकिस्तान का सम्मान करें, लेकिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और हम इसे वापस लेंगे. उन्होंने कहा, ‘क्या पीओके वापस नहीं लिया जाना चाहिए? कांग्रेस ने कश्मीर को वर्षों तक नाजायज औलाद की तरह रखा, लेकिन हमने आर्टिकल 370 को खत्म किया, वहां आतंकवाद खत्म किया और अपनी सीमाएं सुरक्षित कीं. यहां तक कि एक बच्चा भी कश्मीर के लिए खुशी-खुशी अपनी जान दे देगा.’
राजनाथ सिंह-जयशंकर ने पीओके पर क्या कहा था?
बीते दिनों केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर अपना दावा कभी नहीं छोड़ेगा लेकिन इसे बलपूर्वक अपने कब्जे में करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसके लोग कश्मीर में विकास को देखने के बाद खुद इसमें शामिल होना चाहेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात बदले हैं, जिस तरह से क्षेत्र में आर्थिक प्रगति हो रही है और जिस तरह से वहां शांति लौटी है, मुझे लगता है कि पीओके के लोग खुद ही मांग करने लगेंगे कि इसे भारत में शामिल किया जाए.’ वहीं, मुजफ्फराबाद में सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा,’ पीओके भारत का था, है और हमेशा रहेगा. एक दिन पाकिस्तान का कब्जा खत्म कर देंगे और पीओके भारत में शामिल हो जाएगा.’
क्यों उबल रहा है पीओके?
पाकिस्तान का कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके बीते कुछ दिनों से उबल रहा है. लोग सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. पीओके में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और अधिक टैक्स के खिलाफ लगातार कई दिनों से हड़ताल जारी है. पूर्ण हड़ताल की वजह से क्षेत्र में अशांति बढ़ गई है. पीओके में हालात इतने बदतर हो गए हैं कि पुलिस और आवाम आमने-सामने हैं. आवाम भारत में शामिल होने की गुहार लगा रही है. शनिवार को पुलिस और मानवाधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुईं, जिसमें एक पुलिस अफसर की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. पीओके में पूर्ण हड़ताल की वजह से जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है और लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद इस स्थिति को देखकर टेंशन में आ गए हैं. यही वजह है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों और क्षेत्रीय सरकार के बीच गतिरोध समाप्त होने के बाद क्षेत्र के लिए तत्काल 23 अरब रुपये प्रदान करने को सोमवार को मंजूरी दी. पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक लंबा मार्च भी निकाला गया.