माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही उसकी अपराध की सल्तनत भी खत्म हो गई
लखनऊ. पूर्वांचल के बहुचर्चित माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. बांदा जेल में कार्डियक अरेस्ट आने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. मुख्तार अंसारी के आपराधिक साम्राज्य के बारे में पूर्वांचल का बच्चा-बच्चा जनता हैं. मुख़्तार अंसारी ने अपनी दबंगई के बल पर करोड़ों का अवैध कारोबार खड़ा किया. जानकारी के मुताबिक योगी राज में 2100 करोड़ के अवैध कारोबार को बंद कराया गया. इतना ही नहीं उसकी कई बेनामी सपंत्तियों की तलाश में पुलिस अभी भी जुटी है. अब तक करीब 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी में से 608 करोड़ की प्रॉपर्टी या तो जब्त की जा चुकी है, या फिर उसे धवस्त किया जा चुका है.
अगर मुख्तार अंसारी की संपत्ति की बात की जाए तो 2014 के लोकसभा चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक मुख्तार के पास 18 करोड़ की संपत्ति थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक मुख़्तार और उसके परिवार के पास 72 लाख से अधिक का सोना है. इतना ही नहीं उसके पास 20 करोड़ से अधिक की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है. जबकि बैंक डिपाजिट और LIC में उसने 22 करोड़ का निवेश किया था. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वह प्रॉपर्टी थी जिसे उसने घोषित किया था. उसके पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति है, जिसे उसने अवैध तरीके से अर्जित किया. योगी सरकार आने के बाद उसके खिलाफ एक्शन शुरू हुआ तो सबसे पहले उसके अवैध कारोबार से होने वाली कमाई पर प्रहार किया गया. करीब 215 करोड़ रुपए के सालाना कारोबार को रोक दिया गया.
ऐसे फैलाया था अवैध साम्राज्य
मुख्तार अंसारी और उसका गैंग रेलवे का ठेका, कोयला व्यवसाय, मछली का अवैध कारोबार लिप्त था. उसका खौफ ऐसा था कि बगैर उसके मर्जी के कोई भी ठेका या व्यवसाय पूर्वांचल में कोई दूसरा नहीं कर सकता था. योगी सरकार में उसके इस अवैध साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया. करीब 160 गुर्गे सलाखों के पीछे हैं. अभी भी उसके कई गुर्गों पर कार्रवाई चल रही है.