भातखण्डे संगीत संस्थान की ऑन लाइन प्रस्तुतियां बनी आकर्षण का केन्द्र



लखनऊ। भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा ‘महिला सशक्तिकरण’ पर आधारित ऑननलाइन सांगीतिक प्रस्तुतियां की जा रही है। ‘नव शक्ति: नव रस’ की अविरल धारा के क्रम में ‘महिला सशक्तिकरण’ की भावना को ‘मिशन शक्ति’ का स्वरूप देते हुए मंगलवार को गरबा और कथक की मनोरम प्रस्तुतियां हुई।



नोडल अधिकारी डॉ.रुचि खरे के संचालन में हुए इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलपति रंजन कुमार, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव एन.जी.रवि कुमार, संस्कृति निदेशालय के निदेशक शिशिर और भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.लवकुश द्विवेदी के मार्गदर्शन मिल रहा है।



मंगलवार 20 अक्टूबर को सबसे पहले अंशिमा चौधरी और हिमांशु शुक्ला ने गणेश स्तुति के बाद एकताल और राग मालकौंस पर आधारित तराने पर सुंदर कथक की प्रस्तुति दी। अन्त में भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी का रास पेश किया गया। शिखा खरे ने राग अड़ाना और तीन ताल में निबद्ध देवी स्तुति प्रस्तुति की। शुद्ध नृत्य में थाट, आमद, परनजुड़ी आमद, चौपल्ली गत, जुगलबन्दी की मनमोहक प्रस्तुति दी। अन्त में कार्यक्रम का समापन देवी बंदिश से किया जो राग भैरवी और झपताल में निबद्ध थी। मुख्य आकर्षण बने गुजरात के चेतन जेठवा। उन्होंने गरबा और रास की मोहक प्रस्तुति दी। उन्होंने गरबा, रास के साथ साथ हूडा नृत्य भी पेश किया।
इससे पूर्व दिवस की प्रस्तुति में कथक युगल नृत्य, लखनऊ की प्रिया सैनी और शिवम शुक्ला ने पेश किया। दुर्गा स्तुति बाद उन्होंने परनजुड़ी आमद और तिहाई परन, लड़ी आदि पेश किया। राघवेंद्र प्रताप सिंह और सुरभि निगम ने गणेश वंदना गाइये गणपति जगवंदन के बाद शुद्ध नृत्य पेश किया। अंत में उन्होंने जननी वंदना पेश किया। मुम्बई की रेणु शर्मा ने अभिषेक अम्बालिके हिमसुता गौरी चंडिके कवित्व के बाद देवी गीत आई-आई मेरी अम्बे रानी केसरी सवार, चंडमुंड की माला पहिने पर सुन्दर प्रस्तुति दी। अंत में उन्होंने वंदना, जय भगवती देवी नमो वर दे पेश की।