बिहार में सबसे कम मतदान! मतदाताओं के वोट नहीं देने के पीछे ये प्रमुख कारण
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में बिहार की 4 लोकसभा सीटों (गया, गया, जमुई, नवादा और औरंगाबाद) पर शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग हुई। तपती गर्मी और लू के बीच मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व को मनाया।
शुक्रवार को शाम 6 बजे तक करीब 48.23 फिसद मतदाताओं ने वोटिंग की। हालांकि 2019 से तुलना करें तो करीब पांच फीसदी मतदान कम हुए। 2019 में 53.47 फिसद वोटिंग हुई थी, वहीं इस बार सिर्फ़ 48.23 फिसद की वोट पड़े। देश भर में हुए पहले चरण के मतदान में 21 प्रदेशों में सबसे कम बिहार में ही वोटिंग हुई। जहां 50 फिसद से कम वोटिंग हुई।
बिहार सबसे ज्यादा 52 फिसदी मतदान गया लोकसभा क्षेत्र में मतदान हुआ। 50 फिसद औरंगाबाद लोकसभा, जमुई में 50 फिसद और सबसे कम नवादा लोकसभा में 41.50 फिसद वोटिंग हुई। एचआर श्रीनिवास (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) ने बताया कि मतदाताओं ने छह मतदान केंद्रों पर विकास कार्यों सहित अन्य मुद्दों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। अधिकारियों ने काफी समझाने की कोशिश की लेकिन मतदाता अपने फ़ैसले पर अड़े रहे। जिन मतदान केंद्रों पर बहिष्कार हुआ इसमे औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के औरंगाबाद विधानसभा (बूथ संख्या 97), गुरुआ विधानसभा (बूथ संख्या 65) टिकारी विधानसभा के (बूथ संख्या 42 और 43) में वोट का बाहिष्कार हुआ।
नवादा लोकसभा क्षेत्र के बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 8 और गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 137 शामिल है। वोटिंग के दौरान विभिन्न माध्यमों से 53 शिकायतें मिली थी, जिसे वक्त पर ही निष्पादित कर दिया गया। इसके अलावा बूथ दूर बनाए जाने की वजह से भी मतदाताओं ने वोट करने से परहेज़ किया। वोटिंग कम होने के पीछे मौसम का मिज़ाज भी एक फ़ैक्टर रहा है। IMD पटना के मुताबिक शुक्रवार को मतदान वाले इलाकों में झुलसाने वाली गर्मी थी। औरंगाबाद में उच्चतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस, गया में दिन का तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस, नवादा में 42 डिग्री सेल्सियस और जमुई में 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। गर्मी की वजह से भी मतदाताओं ने वोट करने की ज़हमत नहीं उठाई होगी।