नीतीश कुमार के मन का न हो तो वो मौन हो जाते हैं’, जानिये एनडीए में इस बात पर क्यों मचा बवाल?
पटना. तेलगुदेशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, एलजेपीआर के प्रमुख चिराग पासवान, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, आरपीआई नेता रामदास आठवले जैसे एनडीए के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, लेकिन इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं थे. बस फिर क्या था इस बात को लेकर बिहार की सियासत में बवाल मच गया. चर्चाएं होने लगीं कि एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है. राजनीतिक गलियारों में यह बात बड़ी तेजी से फैलने लगी कि नीतीश कुमार एनडीए मंत्रिपरिषद में जेडीयू की हिस्सेदारी और भागीदारी से खुश नहीं हैं. इस पर पहली प्रतिक्रिया राजद की ओर से आई.
आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जब नीतीश कुमार के मन मुताबिक काम नहीं होता तो वह मौन धारण कर लेते हैं. किसी न किसी तरीके से वह इस बात का संकेत देते हैं कि वह खुश नहीं हैं और अंदर ही अंदर मन में बड़ी हलचल है. एजाज अहमद ने कहा था कि भाजपा को तो बहुमत नहीं मिला है और एनडीए के नाम पर उन्होंने बहुमत पाया है. इसके बाद मंत्रालयों का जिस तरह से बंटवारा हुआ है. अभी लोकसभा अध्यक्ष की भी बात होनी है. इससे आगे की कई चीजे होने वाली हैं, ऐसे में एनडीए के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम से नीतीश कुमार की दूरी बड़े सियासी संकेत दे रहे हैं.
हालांकि, इसके तत्काल बाद चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण से नीतीश कुमार की गैर मौजूदगी पर जदयू की भी प्रतिक्रिया आई. बिहार के मंत्री और जेडीयू नेता जमा खान ने कहा कि समझ में नहीं आता कि इस बात को तूल क्यों दिया जा रहा है. नीतीश कुमार के नहीं जाने के कई कारण हो सकते हैं. उनकी तबीयत भी खराब हो सकती है.
भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए के बहुत सारे घटक दल के नेता नहीं जा सके थे, ऐसे में यह कोई विषय ही नहीं है. हमारे एनडीए के नेता और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी खुद विराजमान थे. इसके बाद अब कोई किंतु-परंतु रह नहीं जाता है. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं जाने के कई कारण हो सकते हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि, नीतीश कुमार जी बहुत दिनों से वह दिल्ली में थे और प्रदेश में बहुत काम पेंडिंग पड़ा हुआ था. प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है इसकी भी चिंता करनी है. जिनको कोई कोई काम नहीं है तो कौन कहां रहेगा, कौन कहां है, बस इसी को देखते रहते हैं. थोड़ा यह भी देखें कि लालू परिवार के लोग कहां-कहां क्या-क्या कर रहे हैं
बता दें कि नीतीश कुमार की गैर हाजिरी या फिर मौन साध लेना कई बार कई संकेत कर जाती हैं. बिहार के मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री जब चंद्रबाबू नायडू की शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे तो कई तरह की चर्चाएं होने लगीं. दोनों ही केंद्र की सत्ता में बनी हुई एनडीए की सरकार में किंगमेकर के रोल में है. इनमें से एक की गैर हाजिरी कई सवाल खड़े कर रही थी. लेकिन देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय की ओर से जानकारी आई कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की है.
मुख्यमंत्री कार्यालय से बयान आया कि नीतीश कुमार ने चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश का सीएम बनने पर बधाई दी है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि उनके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश तरक्की करने आयाम छुएगा. यह भी खबर आई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर फोन कर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है. बता दें कि बुधवार को ट्वीट कर भी चंद्रबाबू नायडू को बधाई और शुभकामनाएं दी थी. उन्होंने कहा कि श्री नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी.